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‘ब्रदर्स गैंग’ ने 11 साल पहले अपराध की दुनिया में रखा था कदम, लाचार पिता ने बेटों का शव लेने से किया मना

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समस्तीपुर/मोहिउद्दीननगर :- बाढ़ सिविल कोर्ट की हाजत से फरार होने के ढाई महीने बाद वाराणसी पुलिस की मुठभेड़ में सगे भाई मनीष सिंह और रजनीश सिंह मारे गए। सूचना मिलते ही पैतृक गांव मोहिउद्दीननगर के आनंद गोलवा में परिजनों के बीच सन्नाटा पसरा हुआ है। लकवाग्रस्त पिता शिवशंकर सिंह ने कहा कि मेरा जाना वहां संभव नहीं है। प्रशासन चाहे तो शवों को यहां पहुंचा दे, नहीं तो वहीं हिंदू रिति-रिवाज से उसका अंतिम संस्कार कर दे। वह इस उम्र में वहां जाने में असमर्थ है। घर में उनके अलावा मृतक दोनों भाइयों की मां और फरार अपराधी ललन सिंह की पत्नी व तीन बच्चे ही है।

गैंग का मास्टरमाइंट था रजनीश :

पुलिस के अनुसार रजनीश योजना बनाने में माहिर था और भाइयों के गैंग का मास्टरमाइंड था। मनीष दोनों भाइयों का साथ देता था, हर घटना में वह भाइयों को कवर करता था। ललन कई बार गैंग में बाहरी अपराधियों को शामिल करने के बारे में अपने भाइयों से कहता था, लेकिन रजनीश शातिर था। उसे पता था कि कोई भी बाहरी शामिल होगा तो इनकी पहचान उजागर हो सकती थी। इस वजह से रजनीश के रहते ललन गैंग को बढ़ा नहीं पाया।

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इनका चौथा भाई बउआ झारखंड में एक मामले में जेल में बंद है। वहीं एक अन्य पांचवा भाई इन सबसे अलग बिहार के बाहर अपने पत्नी व बच्चों के साथ रहता है। पिता ने बताया की छठे बेटे की काफी वर्ष पहले सड़क दुर्घटना में मौत हो चुकी है। इस ब्रदर्स गैंग ने वर्ष 2016 में नालंदा, फतुहा और बाढ़ में तीन दारोगाओं को गोली मारी थी। इनमें से दो दारोगा की मौत हो गई थी। सर्विस रिवाल्वर लूटने वाले तीनों भाइयों तक पुलिस नहीं पहुंच पा रही थी।

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दोनों ने 11 साल पहले अपराध की दुनिया में कदम रखा था :

पुलिस के अनुसार, दोनों भाइयों ने 11 साल पहले अपराध की दुनिया में कदम रखे थे। बिहार पुलिस के अनुसार, चारों भाई कम समय में बहुत पैसे वाला अमीर बनना चाहते थे।

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चारों भाई गांव छोड़ रहने लगे थे बाढ़ में :

इसके बाद बाढ़ के बेलछी में गार्ड सहित तीन की हत्या कर 60 लाख रुपये लूटने के बाद तीनों समस्तीपुर जिले के मोहिउद्दीननगर थाना क्षेत्र स्थित अपने गांव आनंदगोलवा पहुंच गए थे। तीनों को पता था कि पुलिस रिकार्ड में उनका नाम नहीं है, इस कारण इन तक पुलिस नहीं पहुंच सकती। पुलिस सीसीटीवी फुटेज, हुलिया और स्केच तैयार कर इनके पीछे पड़ी थी। गांव में इस ब्रदर्स गैंग के बारे में किसी को नहीं पता था। लोगों को जानकारी थी की ललन बाढ़ में ठेकेदारी करता है व अन्य भाई भी वहीं रह कर पढ़ाई और नौकरी की तैयारी करते थे। तीनों भाई बाढ़ में किराये का कमरा लेकर रहते थे, इस बीच कभी-कभी घर भी आया करते थे। परिजनों के अनुसार रजनीश बैंक क्लर्क की परीक्षा भी पास कर चुका था। लेकिन वह अपराध की दुनिया में कैसे गया यह किसी को भी नहीं मालूम।

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अचानक घर निर्माण करने से गांव वालों को हुआ था संदेह :

इस बीच, बाढ़ में हुई लूट की खबर समस्तीपुर जिले तक भी पहुंच गई थी। अचानक तीनों भाइयों का बाढ़ से गांव आना, बैंक का पुराना कर्ज चुकाने में नए नोट इस्तेमाल करना और तेजी से भवन निर्माण कराने से कुछ ग्रामीणों को संदेह हुआ। इधर, पटना पुलिस भी तकनीकी अनुसंधान और छानबीन करते हुए समस्तीपुर तक पहुंच चुकी थी। गांव के कुछ लोगों ने मुखबिरी की और पटना पुलिस को बताया कि बाढ़ से तीनों भाई जब से गांव आए हैं, तेजी से घर निर्माण का काम करा रहे हैं। पुलिस ललन के घर पहुंची और आंगन में मिट्टी के नीचे दबाए 45 लाख रुपये बरामद कर लिए गए और पिता समेत तीन पुत्रों को गिरफ्तार किया गया।

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बिहार पुलिस पहचानने में एक साल लगा दिए :

एक साल में अंदर बिहार पुलिस पर लगातार एक के बाद एक हमले से बिहार पुलिस हिल गई। उस समय के एसएसपी मनु महाराज बाढ़ और फतुहा में दरोगा की हत्या मामले की जांच कर रहे थे। पुलिस की जांच में यह तो क्लियर हो गया कि सभी हमले एक ही गैंग ने किए हैं। लेकिन पुलिस आरोपियों तक नहीं पहुंच सकी।

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इन्हीं लूटे हथियारों के दम पर गैंगस्टर ब्रदर्स ने 2016 में ही बाढ़ में पंजाब नेशनल बैंक में डकैती डाली। गार्ड समेत 3 लोगों को मौत के घाट उतार दिया। 60 लाख कैश लूटकर भाग गए। पुलिस जांच करती हैं। इस जांच में पता चलता है कि जिस गोली ने तीन लोगों की जान ली है, वह पुलिस के लूटे हथियारों से ही चले हैं। अब पुलिस इस गैंग के पीछे लग जाती है। इसी दौरान सर्विलांस और जांच के दौरान पता चलता है कि लूट करने वाले समस्तीपुर के ब्रदर्स गैंग हैं। पुलिस गांव में छापा मारती है और लल्लन सिंह, रजनीश सिंह, मनीष सिंह समेत उसके पिता को 45 लाख रुपए के साथ गिरफ्तार कर लेती है।

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5 साल जेल में रहे पर सुधरे नहीं :

तीनों भाई 5 साल जेल में रहे, लेकिन तीनों नहीं सुधरे। नौ सितंबर 2022 को बाढ़ कोर्ट में पेशी के दौरान हाजत से भाग निकले। इस दौरान भी वे वारदात करते रहे। बिहार से अपराध करते-करते उत्तर प्रदेश पहुंच गए। वहां पर भी वहीं गलती की जो बिहार में करते आए थे। 8 नवंबर की शाम वाराणसी के रोहनिया क्षेत्र में दरोगा अजय यादव को गोली मारकर सरकारी पिस्टल, कारतूस, पर्स और मोबाइल लूट लिए। जिसके बाद यूपी पुलिस ने दो भाई को एनकाउंटर में मार गिराया।

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