समस्तीपुर Town

नजर हर खबर पर…

SamastipurNEWS

समस्तीपुर का एक अनूठा गांव जहां महिलाएं नहीं, उनके पति करते छठ व्रत

IMG 20210427 WA0064 01

व्हाट्सएप पर हमसे जुड़े 

समस्तीपुर :- भगवान सूर्य की उपासना का महापर्व छठ आमतौर पर महिलाएं ही करती हैं। पुरुष अन्य कामों में उनका हाथ बंटाते हैं, मगर मोरवा प्रखंड की ररियाही पंचायत के रघुनाथपुर गांव में महिलाओं की जगह पति छठ व्रत करते हैं। महिलाएं उन्हें सहयोग करती हैं। व्रत के हर नियम का पालन करते हुए पुरुष व्रती अस्ताचलगामी और उगते सूर्य को अर्घ्य देते हैं।

छठ घाट दूर होने से बदली परंपरा

करीब पांच हजार की आबादी रघुनाथपुर गांव में तकरीबन एक हजार पुरुष छठ करते हैं। इस बार करीब एक दर्जन युवक पहली बार छठ करेंगे। पुरुषों के छठ करने की परंपरा कब शुरू हुई, यह किसी को स्मरण नहीं, लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि छठ पूजा के लिए गांव से करीब छह किलोमीटर दूर नून नदी के किनारे जाना होता था। उस समय गांव में तालाब नहीं थे।

IMG 20221021 WA0082

उतनी दूर जाने में महिलाओं की परेशानी को देखते हुए बुजुर्गों ने तय किया कि छठ व्रत करने और नदी घाट तक जाने की परंपरा शादीशुदा पुरुष निभाएंगे, महिलाएं घर में रहकर प्रसाद की तैयारी करेंगी। कुछ लोगों का यह भी कहना है कि बुजुर्गों को महिलाओं का घर से निकलकर सार्वजनिक जगहों पर जाना पसंद नहीं था, इसलिए उनकी जगह पतियों को छठ करने की जिम्मेदारी दी गई।

Banner 03 01

अब तो गांव और उसके आसपास तालाब बन गए हैं, लेकिन पुरुषों के छठ करने की परंपरा कायम है। कुछ बुजुर्गों का कहना है कि पर्दा प्रथा के कारण महिलाओं का तालाब पर जाना प्रतिबंधित कर दिया गया था। इस कारण छठ करने की जिम्मेदारी पुरुषों को दे दी गई थी।

खुद को कर्ण का वंशज मानते

ग्रामीण परमानंद सिंह का कहना है कि पुरुष व्रत के हर नियम का पालन निष्ठापूर्वक करते हैं। नहाय-खाय के दिन निकटवर्ती नदी या तालाब में स्नान के बाद अरबा भोजन करने के साथ महापर्व का अनुष्ठान शुरू करते हैं। तीन दिन के उपवास के बाद अपने हाथों से ही ठेकुआ, टिकरी, पेड़ा, लड्डू बनाते हैं। अर्घ्य की सामग्री सजाते हैं।

IMG 20220915 WA0001

फूल, तुलसी, धूप नैवेद्य से छठी मैया एवं भगवान सूर्य की पूजा-अर्चना करते हुए अस्ताचलगामी और उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देते हैं। पूर्व मुखिया फूलन कुमार सिंह कहते हैं कि गांव में पुरुषों के छठ करना दानी कर्ण का भगवान सूर्य की आराधना से जुड़ा है। यहां के लोग खुद को कर्ण का वंशज मानते हैं। अब इक्का दुक्का महिलाओं ने व्रत करना शुरू कर दिया है।

1 840x760 1

IMG 20211012 WA0017

JPCS3 01

IMG 20221017 WA0000 01

IMG 20221021 WA0064 01

IMG 20220331 WA0074

20201015 075150