उपेंद्र कुशवाहा का ऐलान- दोबारा कभी पार्टी का विलय नहीं करेंगे, तेजस्वी की CM उम्मीदवारी पर उठाए सवाल
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राष्ट्रीय लोक जनता दल के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने ऐलान किया है कि अब वे दोबारा कभी पार्टी के वियल के बारे में सोचेंगे भी नहीं। वह आने वाली हर चुनौती का सामना करेंगे। नालंदा जिले के राजगीर में रालोजद के चिंतन एवं प्रशिक्षण शिविर के समापन सत्र में कुशवाहा ने आरजेडी और महागठबंधन पर जमकर बरसे। उन्होंने डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवारी पर भी सवाल उठाए। इसके अलावा उन्होंने केंद्र सरकार पर भी बिहार के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया।
उपेंद्र कुशवाहा ने राजगीर में रालोजद कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए रविवार को कहा कि अब कभी भी पार्टी का विलय नहीं होगा। जनता अगर मुकम्मल ताकत देती है तो ‘लालटेन वालों’ से फरिया लेंगे। जनता ने पिछली बार कंजूसी की थी। इसके कारण पार्टी को विलय करना पड़ा था। कुशावाहा ने तेजस्वी यादव की सीएम उम्मीदवारी पर सवाल उठाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री बनने के लिए योग्यता, कर्मठता और विचारधारा होना जरूरी है। व्यक्ति और परिवार के कारण मुख्यमंत्री बनाना गलत है।
10 लाख नौकरी के नाम पर युवाओं को ठग रहे तेजस्वी : कुशवाहा
रालोजद अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने शिविर में कहा कि आज व्यक्ति नहीं विचारधारा की बात होनी चाहिए। उनकी पार्टी अगर सत्ता में आती है तो युवाओं का सम्मेलन करेगी। युवाओं को आगे लाना होगा। उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव कहते थे कि अगर उनकी सरकार बनी और वे सत्ता में आये तो पहली ही कैबिनेट में 10 लाख लोगों को नौकरी देंगे। अब तक तो दर्जनों बैठक हो चुकी है। कहां गया वादा? ये लोग सिर्फ नौजवानों को ठग रहे हैं। युवाओं को ऐसे लोगों पर भरोसा नहीं करना चाहिए।
मोदी सरकार पर भी बरसे कुशवाहा :
रालोजद कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उपेंद्र कुशवाहा केंद्र सरकार पर भी बरसे। उन्होंने कहा कि बिहार को जितना विकसित होना चाहिए था, उतना नहीं हो सका है। बिहार के साथ सौतेला व्यवहार हुआ है। अगर ऐसा नहीं होता तो यह विकसित राज्यों में से एक होता। दिल्ली की पॉलिसी के चलते बिहार की यह दुर्दशा रही है।
रालोसपा का जेडीयू में हुआ था विलय :
बता दें कि उपेंद्र कुशवाहा ने साल 2021 में अपनी पार्टी रालोसपा का जेडीयू में विलय किया था। कुछ समय तो ठीक चला, लेकिन बाद में उनकी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जेडीयू नेतृत्व के साथ तनातनी शुरू हो गई। विलय के दो साल बाद बीते फरवरी में उन्होंने जेडीयू से इस्तीफा दे दिया और रालोजद नाम से नई पार्टी बनाई। कयास लगाए जा रहे हैं कि रालोजद आगामी चुनावों में बीजेपी के साथ गठबंधन कर सकती है।