अपराधियों से हुए मुठभेड़ मामले में समस्तीपुर जिले के इन पांच लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज
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समस्तीपुर :- धनबाद के धनसार में तीन सितंबर को गुंजन ज्वेल्स लूट मामले में और फिर छह सितंबर को बैंक मोड़ में मुथूट में डकैती के प्रयास मामले की गुत्थी एक साथ सुलझती नजर आ रही है। दोनों मामलों का सीधाा कनेक्शन समस्तीपुर जिले के शेखोपुर निवासी राजीव सिंह उर्फ पुल्लू सिंह से जुड़ गया है। फिलहाल पुल्लू सिंह पटना स्थित बेउर जेल में बंद है और वहीं से अपना सरगना कंट्रोल कर रहा है।
ऐसे तो बेउर जेल में कई हार्डकोर अपराधी बंद हैं, पर राजीव कुमार सिंह उर्फ पुल्लू सिंह का नाम उन अपराधियों में आता है, जो अक्सर सोना लूट कांड को ही अंजाम देने में विश्वास रखता है। पुल्लू सिंह बेउर जेल में बंद रहते हुए भी झारखंड-बिहार से लेकर बंगाल तक सोना लूट की घटनाओं को अंजाम देता रहा है। इन तीनों राज्यों में अब तक मुथूट फिनकॉर्प में जितनी भी डकैती हुई है, अधिकतर घटनाओं में पुल्लू सिंह का ही नाम आया है। इसी पुल्लू सिंह और उसके गैंग का नाम अब धनबाद की दोनों घटनाओं से भी जुड़ गया है।
अपराधियों से हुए मुठभेड़ मामले में समस्तीपुर जिले के पांच लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज की गई है। बैंक मोड़ थाना के इंस्पेक्टर डॉ. प्रमोद कुमार सिंह की लिखित शिकायत पर अपराधियों के विरुद्ध जानलेवा हमला, सरकारी काम में बाधा, सरकारी काम के दौरान लोक सेवक को क्षति पहुंचाने, फर्जी दस्तावेज तैयार करने, धोखाधड़ी व आर्म्स एक्ट की विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।
सरायढेला थाना प्रभारी वीर सिंह मामले के अनुसंधानकर्ता बनाए गए हैं। बुधवार 7 सितंबर की देर शाम गिरफ्तार अपराधी राहुल सिंह उर्फ राघव एवं मो. आसिफ को धनबाद के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के आवासीय कार्यालय में पेश किया गया। दोनों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। इस मामले में पुलिस ने समस्तीपुर जिले के पांच व बिहार से कुल सात लोगों को नामजद किया है।
नामजद बदमाशों में समस्तीपुर जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र अंतर्गत चकनूर निवासी मो. आसिफ, समस्तीपुर के ही कल्याणपुर निवासी टोक्यो उर्फ छोटू सिंह उर्फ शिवम कुमार, कल्याणपुर के ही शंकर ठाकुर उर्फ रमेश ठाकुर, समस्तीपुर शेखोपुर निवासी राजीव सिंह उर्फ पुल्लू सिंह (वर्तमान में बेउर जेल पटना में बंद) और पुल्लू सिंह का भतीजा रविरंजन उर्फ रामी उर्फ रमिया उर्फ बादशाह शामिल है। इसके अलावे कोईलवर आरा निवासी रैबिट उर्फ शुभम (मृतक) व लखीसराय के राघव उर्फ राहुल भी शामिल है।
इन लोगों पर समस्तीपुर जिले में भी कई थानों पर विभिन्न मामले दर्ज हैं। मो. आसिफ मथुरापुर ओपी क्षेत्र के बाजार समिति के पास सास-बहू की गोली मारकर हत्या मामले, नगर थाना क्षेत्र के थानेश्वर मंदिर के पास रेलवे फुट ओवरब्रिज पर स्वर्ण व्यवसायी को गोलीमार लूट समेत अन्य गोलीबारी व लूटपाट के मामले में भी शामिल है।
वहीं रविरंजन उर्फ रमिया का भी अपराधिक इतिहास रहा है। मुसरीघरारी थाना क्षेत्र में शशिनाथ झा हत्याकांड में नामजद राजेश पाल के साथ भी रमिया की नजदीकियां रही है। जब झारखंड पुलिस ने लोहरदगा रेलवे स्टेशन पर जाल बिछाकर मुसरीघरारी में शशिनाथ झा हत्याकांड में नामजद चर्चित अपराधी राजेश पाल को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की थी उस समय भी रमिया पुलिस को चकमा देकर भाग गया था। इसके अलावा नेपाल से सटे वीरगंज में भी जब एसआईटी की टीम ने तीन बदमाशों को गिरफ्तार किया था उस समय भी रमिया वहां से भागने में सफलता पाई थी। पुलिस के लिए रमिया को पकड़ना चुनौती है।
सूत्रों के अनुसार यह लोग कुछ-कुछ दिनों पर अपना ठिकाना व मोबाइल बदलते रहते हैं जिस कारण पुलिस चकमा खा जाती है। सूत्रों के अनुसार मास्टरमाइंड रमिया काफी लंबे समय से झारखंड में ही भेष बदलकर आम लोगों के बीच रह रहा है। इस बीच आराम से वह घटना को अंजाम देकर फिर गायब हो जाता है। पुलिस को उसकी सरगर्मी से तलाश है। हालांकि अब तक पुलिस की पहुंच से रमिया दूर है।