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नियोजित शिक्षकों को हटाने की बात कभी नहीं की, हाईकोर्ट का फैसला सही: विजय चौधरी

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पटना हाईकोर्ट से नियोजित शिक्षकों को बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार अब सक्षमता परीक्षा पास नहीं करने वाले या इस परीक्षा मे शामिल नहीं होने के बावजूद भी शिक्षक अपने पद पर बने रहेंगे। हाई कोर्ट ने ऐसे अभ्यर्थी शिक्षकों के पक्ष में फैसला देते हुए कहा कि उनकी नौकरी नहीं जाएगी। हाईकोर्ट का आदेश आने के बाद बिहार सरकार में मंत्री विजय चौधरी ने कहा है कि सक्षमता परीक्षा में फेल करने वाले या परीक्षा नहीं देने वाले नियोजित शिक्षकों को हटाने का फैसला सरकार ने कभी लिया ही नहीं था। नियोजित शिक्षकों ने तो हाई कोर्ट में सक्षमता परीक्षा के आयोजन पर ही आपत्ति जताते हुए चुनौती दी थी, जिसे उच्च न्यायालय ने नहीं माना।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने ही अपने शपथ पत्र में कोर्ट को कहा था कि किसी नियोजित शिक्षक को सेवा मुक्त नहीं किया जाएगा। इस प्रकार उच्च न्यायालय ने सरकार के निर्णय की पुष्टि ही की है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग अनावश्यक भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं कि सरकार नियोजित शिक्षकों को हटाना चाह रही थी। बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली 2023 के नियम- 3 (3) में ही स्पष्ट है कि जो सक्षमता परीक्षा में शामिल नहीं होंगे अथवा फेल कर जाएंगे, वैसे शिक्षक नियोजित श्रेणी में ही रह जाएंगे, वे सिर्फ सरकारी शिक्षक नहीं बन पाएंगे और उच्च न्यायालय ने इसे उचित माना है।

बिहार के नियोजित शिक्षकों को हाईकोर्ट से बड़ी राहत, सक्षमता परीक्षा नहीं देने या फेल होने पर भी बनी रहेगी नौकरी

कोर्ट ने मुख्यतः चार मुख्य बिंदुओं पर अपना फैसला दिया

1. हाईकोर्ट ने राज्य में कार्यरत स्थानीय निकाय शिक्षकों के लिए सक्षमता परीक्षा को सही ठहराया

2. हाईकोर्ट ने नई शिक्षक नियमावली के नियम 4 को निरस्त कर दिया जिसके तहत सभी शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण करना आवश्यक है

3. कोर्ट ने बिहार राज्य शैक्षिक संस्थागत शिक्षक और कर्मचारी (शिकायत निवारण और अपील नियमावली 2020) के नियम 12 को भी निरस्त कर दिया, जिसके तहत गठित जिला व राज्य स्तरीय अपीलीय प्राधिकार में लंबित मामलों का इस नियमावली के लागू होने की तिथि से 6 माह के भीतर निपटारा किया जाना था। इसके अतिरिक्त इस नियमावली के लागू होने की तिथि से जिला राज्य अपीलीय प्राधिकार कोई भी नया केस स्वीकार नहीं करेगा

4. कोर्ट ने शिक्षकों की पदोन्नति के लिए निर्धारित उचित शर्तों के तहत प्रत्येक संवर्ग के लिए विचार करने का आदेश दिया

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