बिहार में मिट्टी की जांच के लिए बनेगी लैब; एक सैंपल की टेस्ट के देने होंगे इतने रुपये…
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बिहार की खेतों की मिट्टी की सेहत सुधरेगी। इसके लिए 13 जिलों में ग्राम स्तरीय लैब स्थापित की जाएगी। पहले से बनी राज्य की आठ अन्य लैब सुदृढ़ होंगी। वहीं, मिट्टी जांच के लिए इस वर्ष दो लाख नमूने संग्रह करने का लक्ष्य रखा गया है। इस पर नौ करोड़ 71 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। कृषि विभाग ने हरेक जिले में लक्ष्य तय करते हुए राशि भेज दी है। फसलों की उत्पादकता बढ़ाने एवं संतुलित मात्रा में उर्वरकों के उपयोग को बढ़ावा दिया जाना इसका लक्ष्य है। मिट्टी के एक नमूने की जांच पर 300 रुपये खर्च किए जाएंगे। इस तरह दो लाख मिट्टी जांच पर छह करोड़ रुपये खर्च होंगे।
ग्राम स्तरीय मिट्टी जांच लैब की स्थापना के लिए 19 लाख 50 हजार रुपये खर्च होंगे। आठ मिट्टी जांच प्रयोगशाला के सुदृढ़ीकरण पर तीन करोड़ 20 लाख खर्च होंगे। मिट्टी के नमूनों की जांच के बाद किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराया जाएगा। बताया जाएगा कि उनकी खेत की मिट्टी के लिए कौन सा उर्वरक जरूरी है, मिट्टी में क्या कमी है, उसकी सेहत सुधारने के लिए क्या किया जाना चाहिए, आदि। इस वर्ष पचास हजार मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी करने का लक्ष्य रखा गया है। इसपर राज्य में दस लाख रुपये खर्च किए जाएंगे।
इन 13 जिलों में बनेगी लैब:
राज्य में ग्राम स्तरीय लैब बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इन 13 जिलों भभुआ, अरवल, नवादा, गोपालगंज, लखीसराय, जमुई, खगड़िया, मधुबनी, सुपौल, पूर्णिया, कटिहार, भागलपुर और बांका में लैब बनेगी।
इन जिलों में लैब सुदृढ़ होंगी:
राज्य के आठ जिलों में पहले से स्थापित लैब सुदृढ़ की जाएंगी। इनमें अरवल, शिवहर, शेखपुरा, मुंगेर, जमुई, खगड़िया, दरभंगा और बांका की लैब शामिल हैं।