BPSC : क्या बिहार 1.70 लाख शिक्षक भर्ती पर भी होगा BEd BTC DElEd मामले का असर, जानें
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के दिशा-निर्देश के आलोक में ही बिहार में प्राथमिक शिक्षक (कक्षा एक से पांच) नियुक्ति में बीएड ( BEd) डिग्रीधारी को शर्तों के आधार पर मौका दिया जाता है। इसमें शर्त यह होती है कि नियुक्ति के दो वर्षों के अंदर छह माह का ब्रिज कोर्स करना होगा। इसी आधार पर पूर्व में बी.एड डिग्री करने वाले प्राथमिक शिक्षक बनते रहे हैं। वर्तमान में बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के माध्यम से चल रही नियुक्ति प्रक्रिया में भी यही प्रावधान लागू है।
इस संदर्भ में उच्चतम न्यायालय की ओर से एक मामले में यह निर्णय लेना कि बी.एड वाले नहीं, सिर्फ डीएलएड डिग्री धारी ( DElEd / BTC / BSTC ) ही प्राथमिक (बेसिक) शिक्षक बन सकते हैं। उच्चतम न्यायालय के इस निर्णय का बिहार में चल रही शिक्षक नियुक्ति में क्या बदलाव हो सकते हैं, के सवाल पर शिक्षा विभाग के पदाधिकारी बताते हैं कि यह एनसीटीई के दिशा-निर्देश पर निर्भर करता है। इस संबंध में आगे एनसीटीई कोई दूसरा निर्णय लेता है तो उसके आधार पर विभाग आगे कोई कार्रवाई करेगा।
वर्तमान चल रही नियुक्त प्रक्रिया में विभाग ने साफ कहा है कि एनसीटीई द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थान से बी.एड करने वाले भी कक्षा एक से पांच तक पढ़ाने के लिए योग्य माने जाएंगे। लेकिन, इस प्रकार स्कूल शिक्षक के रूप में नियुक्त अभ्यर्थी को नियुक्त होने के दो साल के भीतर एनसीईटी द्वारा मान्यता प्राप्त प्राथमिक शिक्षा में छह महीने का संवर्धन कोर्स (ब्रिज कोर्स) आवश्यक रूप से करना होगा। संबंधित शिक्षक को इस प्रशिक्षण को पूरा करने के लिए छह महीने का सवैतनिक अवकाश मान्य होगा। डी.एलएड डिग्री के आधार पर नियुक्त प्राथमिक शिक्षकों को यह संवर्धन कोर्स करने की आवश्यकता नहीं होगी।
बीपीएससी परीक्षा के माध्यम से अभ्यर्थियों का चयन करेगा
मालूम हो कि बीपीएससी के माध्यम से प्राथमिक शिक्षकों के 79 हजार 943 पदों पर नियुक्ति की जा रही है। इसके लिए आवेदन करने का समय समाप्त हो चुका है। बीपीएससी परीक्षा के माध्यम से अभ्यर्थियों का चयन करेगा। प्राथमिक शिक्षक के लिए न्यूनतम 50 प्रतिशत अंकों के साथ उच्चतर माध्यमिक तथा प्रारंभिक शिक्षा शास्त्रत्त् में द्विर्षीय डिप्लोमा अथवा न्यूनतम 45 प्रतिशत अंकों के साथ उच्चतर माध्यमिक एवं प्रारंभिक शिक्षा शास्त्रत्त् में द्विर्षीय डिप्लोमा जो राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद विनियम 2002 के अनुसार प्राप्त किया गया हो को अर्हता माना गया है। साथ ही 50 प्रतिशत अंकों के साथ स्नातक तथा बी.एड हो अथवा न्यूनतम 55 प्रतिशत अंकों अथवा उसके समकक्ष ग्रेड के साथ स्नातकोत्तर और तीन वर्षीय एकीकृत बीएड-एमएड हो।