बिहार: फर्जी दरोगा ने एक दर्जन प्रशिक्षु SI से की ठगी, असली थाना जाकर कर दी गलती
नालंदा में शनिवार को एक फर्जी दरोगा को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। वह पिछले 3 साल से राजगीर पुलिस अकादमी के पास किराए के मकान में रह रहा था। इसका पुलिस अकादमी में भी आना-जाना लगा रहता था। इस दौरान कमलेश 12 से अधिक ट्रेनिंग ले रहे सब इंस्पेक्टर से मां की बीमारी और बहन की शादी का हवाला देकर पैसे ठग लिए।
मामला छविलापुर थाना क्षेत्र का है। फर्जी दरोगा अरवल जिले का रहने वाले कमलेश उर्फ दीपू है। उसके पास से पुलिस की तीन फर्जी आईडी, 5 एटीएम कार्ड और सब इंस्पेक्टर की वर्दी मिली है।
छविलापुर थानाध्यक्ष अखिलेश कुमार झा ने बताया कि फर्जी दरोगा पिछले 3 साल से राजगीर पुलिस अकादमी के पास किराए का कमरा लेकर रह रहा था। 3 साल पहले कमलेश ने सेटिंग के जरिए SI की परीक्षा दी थी, लेकिन वह क्वालिफाई नहीं कर पाया था।
इसके बाद उसे सेटर ने अकादमी के पास रहने की सलाह दी। सेटर ने उससे कहा कि बैकडोर से उसकी बहाली करवा देगा। इसके बाद उसने एकेडमी के एक गार्डेनर से दोस्ती की और उसके साथ वह अंदर आने-जाने लगा।
कुछ समय के बाद गार्डेनर को वहां से हटा दिया गया। इसके बाद कमलेश की एंट्री पुलिस एकेडमी के अंदर बंद हो गई। फिर उसने पुलिस की वर्दी सिलवाई और फर्जी ID कार्ड बनवाया। इसके बाद प्रशिक्षु दरोगा के साथ मिलकर एकेडमी जाने लगा।
वर्दी, 5 ATM और 3 ID कार्ड बरामद
छविलापुर थानाध्यक्ष ने बताया कि शुक्रवार को किसी काम को लेकर फर्जी दरोगा कमलेश वर्दी में थाना पहुंचा, तब उसे ड्यूटी में तैनात पुलिस अधिकारी ने थाना आने का कारण पूछा। जब उससे आई कार्ड की मांग की गई तो उसमें दीपू कुमार नाम लिखा था, जबकि वर्दी पर कमलेश लिखा था।
पूछताछ के दौरान उसने बताया कि वह सासाराम के वेदा ओपी में तैनात है। कन्फर्मेशन के लिए वेदा ओपी प्रभारी से बातचीत की तो उन्होंने कमलेश या दीपू नाम के दरोगा की प्रतिनियुक्ति को खारिज कर दिया।
इसके बाद कमलेश को गिरफ्तार किया गया। छविलापुर थानाध्यक्ष ने बताया कि आईपीसी की विभिन्न धाराओं में FIR दर्ज कर जेल भेज दिया है।