नीतीश के मंत्री-ACS का झगड़ा बढ़ा, केके पाठक ने चंद्रशेखर के PA की शिक्षा विभाग में एंट्री रोकी
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने पीत पत्र भेजने वाले विभागीय मंत्री प्रो. चंद्रशेखर के आप्त सचिव (पीए) डॉ. कृष्णा नंद यादव के विभाग में प्रवेश पर रोक लगा दी है। इसको लेकर विभाग के निदेशक प्रशासन सुबोध कुमार चौधरी ने डॉ. कॉष्णा नंद यादव को पीतपत्र के बदले में पत्र लिखा है। इसमें उन्हें लिखा गया है कि आपकी सेवाएं लौटाने के लिए सक्षम प्राधिकारी को विभाग पहले ही लिख चुका है। अब आप शिक्षा विभाग के कार्यालय में भौतिक रूप से प्रवेश नहीं कर सकते हैं।
मालूम हो कि डॉ. यादव ने शिक्षा मंत्री की ओर से केके पाठक समेत विभाग के निदेशक स्तर के कुछ पदाधिकारियों को पीतपत्र भेजकर विभाग की कार्यशाली पर आपत्ति जतायी थी। इसमें यह भी कहा गया था कि यह सुनिश्चित किये जाएं कि लोक सेवक अपनी छवि को चमकाने, राबिनहुड की छवि बनाने के लिए विभाग के संसाधनों तथा सरकार का सहारा ना ले सकें।
इधर, निदेशक प्रशासन ने जवाबी पत्र में कहा है कि पिछले एक सप्ताह से आपके द्वारा भांति-भांति के पीतपत्रों में भांति-भांति के निदेश विभागीय पदाधिकारियों को भेजे गये हैं। आपको आगाह किया गया था कि आप आप्त सचिव (बाह्य) तौर पर हैं। अत: आपको नियमत: सरकारी अधिकारियों से सीधे पत्राचार नहीं करना चाहिए। विभाग को यह भी पता चला है कि आप विभाग पर मुकदमा कर चुके हैं, जिसके कारण आपकी सेवा सामंजन का प्रस्ताव विभाग द्वारा काफी समय से लगातार खारिज किया जाता रहा है। अत: आप स्वयं विभागीय मंत्री के प्रकोष्ठ में काम करने के लायक नहीं हैं। इन्हीं कारणों से सक्षम प्राधिकार को आपको हटाने के लिए पत्र लिखा जा चुका है। आपसे अनुरोध है कि आप स्वयं या अपने संरक्षकों (जिनके कहने पर ये तथाकथित पीतपत्र लिख रहे हैं) पूरी प्रक्रियाओं से अवगत हो लें और इसके बाद किसी प्रकार का पत्राचार करें।
विभाग में यह निर्देश जारी कर दिया गया है कि आपके द्वारा लिखे गए पीतपत्र-पत्र तुरंत लौटा दिये जाएं। आपको पुन: आगाह किया जाता है कि आप व्यर्थ का पत्राचार न करें और अपने नाम के आगे जो डॉ. लगाते हैं, उसका सबूत दें कि क्या आप वाकई किसी उच्च शिक्षण संस्थान में प्राध्यापक रह चुके हैं।