बिहार में दुनिया के सबसे बड़े मंदिर का निर्माण शुरू, आचार्य किशोर कुणाल ने किया विराट रामायण मंदिर का भूमि पूजन
विश्व के सबसे बड़े मंदिर का निर्माण आज से बिहार के चंपारण में शुरू हो गया है. पटना महावीर मंदिर न्यास समिति के प्रमुख आचार्य किशोर कुणाल ने विधि विधान के साथ भूमिपूजन कर निर्माण कार्य का विधिवत शुभारंभ किया.
मंदिर निर्माण के लिए मशीन से जमीन की खुदाई शुरू की गई. भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के मौके पर कैथवलिया-बहुआरा में विराट रामायण मंदिर का निर्माण शुरू हुआ है. ये मंदिर पूर्वी चंपारण जिले के केसरिया-चकिया मार्ग पर बन रहा है. कहा जा रहा है कि 2025 के आखिर तक यह मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा. मंदिर में विश्व के सबसे बड़े शिवलिंग की स्थापना इसी वर्ष सावन में कर दी जायेगी. मंदिर के कुल 12 शिखरों की साज-सज्जा में और 2 साल लगेंगे.
अयोध्या में बन रहे राममंदिर से तीन गुना बड़ा होगा
यह मंदिर अयोध्या में बन रहे राममंदिर से तीन गुना से भी ज्यादा लंबा और दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर होगा. महावीर मन्दिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि अयोध्या में बन रहे रामलला मन्दिर की लंबाई 360 फीट और चौड़ाई 235 फीट है, जबकि सबसे ऊंचा शिखर 135 फीट का है. विश्व के सबसे बड़े में मन्दिर का क्षेत्रफल 3.67 लाख वर्गफुट होगा. सबसे ऊंचा शिखर 270 फीट का होगा. 198 फीट का एक शिखर होगा. जबकि 180 फीट के चार अन्य शिखर रहेंगे. 135 फीट का एक शिखर और 108 फीट ऊंचाई के 5 अन्य शिखर होंगे. विराट रामायण मन्दिर की लंबाई 1080 फीट और चौड़ाई 540 फीट है.
मन्दिर में कुल 3102 पिलर होंगे
महावीर मन्दिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि विराट रामायण मन्दिर तीन मंजिला होगा. मन्दिर में प्रवेश के बाद प्रथम पूज्य विघ्नहर्ता भगवान गणेश के दर्शन होंगे. विराट रामायण मन्दिर में शैव और वैष्णव देवी-देवताओं के कुल 22 मन्दिर होंगे. मन्दिर निर्माण के लिए 120 एकड़ जमीन उपलब्ध है. इसे जानकी नगर के रूप में विकसित किया जाएगा, जहां कई आश्रम, गुरुकुल, धर्मशाला आदि होंगे. मन्दिर का पाइलिंग कार्य कराने वाली एजेंसी सनटेक इन्फ्रा के अधिकारियों ने बताया कि विराट रामायण मन्दिर में कुल 3102 पिलर होंगे. पाइलिंग कार्य में 1050 टन स्टील और 15 हजार क्यूबिक मीटर कंक्रीट की खपत होगी. निर्माण में लगने वाली सामग्रियां महावीर मन्दिर उपलब्ध कराएगा.
सबसे बड़ा शिवलिंग होगा स्थापित
महाबलिपुरम में 250 टन वजन के ब्लैक ग्रेनाइट पत्थर की चट्टान को तराश कर मुख्य शिवलिंग के साथ सहस्रलिंगम भी बनाया जा रहा है. आठवीं शताब्दी के बाद सहस्रलिंगम का निर्माण भारत में नहीं हुआ है. शिवलिंग का वजन 210 टन, ऊंचाई 33 फीट और गोलाई 33 फीट होगी. आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि इतने वजन के शिवलिंग को लाने के लिए चकिया से कैथवलिया की 10 किलोमीटर की दूरी तक सड़क और पुल-पुलिया के चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण का अनुरोध बिहार के मुख्यमंत्री और पथ निर्माण मंत्री से किया गया है.