पटना मेट्रो: 1 महीने में महज 3 मीटर सुरंग की खुदाई, टनल बोरिंग मशीनों की रफ्तार के बारे में जानिए
पटना मेट्रो के टनल (सुरंग) की खुदाई के लिए मोइनुल हक स्टेडियम परिसर में करीब 16 मीटर नीचे बने शॉफ्ट में उतारी गयी दोनों टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) अब रफ्तार पकड़ेगी. सात अप्रैल को पहले और नौ अप्रैल को दूसरी टीबीएम के शॉफ्ट में उतारे जाने के बाद इन मशीनों ने अब तक करीब तीन मीटर का ही सफर तय किया है.
दो स्थायी रिंग फिक्स कर दी गयी
डीएमआरसी अधिकारियों ने बताया कि इस दूरी में दो स्थायी रिंग फिक्स कर दी गयी है, जबकि तीसरे रिंग को लगाने का काम प्रगति पर है.अधिकारियों के मुताबिक शुरुआती चरण में टीबीएम काफी धीमी गति से काम करती है, लेकिन समय के साथ उसकी रफ्तार बढ़ जाती है.
1494 मीटर की अपनी यात्रा पूरी करेगा टनल
दोनों टीबीएम पांच महीने में मोइनुल हक स्टेडियम से पटना विश्वविद्यालय तक 1494 मीटर की अपनी यात्रा पूरी कर लेगी. हालांकि, दोनों टीबीएम के पहुंचने में चार से पांच सप्ताह का अंतर होगा. इसके बाद दोनों को रिट्रीव कर रीलॉन्च किया जायेगा. मालूम हो कि पटना मेट्रो परियोजना के कॉरिडोर-2 की पहली टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) का औपचारिक शुभारंभ सात अप्रैल को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्टेडियम परिसर में किया था.
टनल बोरिंग मशीन से टनल खुदाई का काम
बता दें कि पटना मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए टनल बोरिंग मशीन से टनल खुदाई का काम शुरू हुआ है. हाल में ही सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बटन दबाकर इस कार्य का शुभारंभ किया था. निर्माणाधीन मोइन-उल-हक स्टेशन में पहला टनल बोरिंग मशीन महावीर को उतारा गया. करीब 420 मीट्रिक टन वजन की यह मशीन है जिससे सुरंग की खुदाई की जा रही है.
सितंबर में दो अन्य टनल होंगे लॉंच
वहीं अंडरग्रांउड टनल की खुदाई के लिए दूसरी टनल बोरिंग को भी यहां उतारा गया. जमीन स्तर से करीब 16 मीटर नीचे बने शॉफ्ट पर टीएनबी को उतारा गया था. दोनों टीबीएम पटना विश्विद्यालय तक 1494 मीटर की यात्रा तय करेगी. दो अन्य टीबीएम को सितंबर में गांधी मैदान स्टेशन पर लॉंच किया जाएगा.