समस्तीपुर Town

नजर हर खबर पर…

BiharNEWS

पकने लगी है शाही रसीली लीची, जल्द आने वाला है फलों का राजा आम; बिहारी फल का स्वाद लेने को हो जाएं तैयार

IMG 20221030 WA0023

व्हाट्सएप पर हमसे जुड़े 

बिहार में अभी आम और लीची का मौसम है। बगानों में पेड़ो पर फल लगे हैं। राज्य में किसान व्यावसायिक खेती के रूप में आम और लीची उपजाते हैं। इन दिनों राज्य की आबोहवा भी इन दोनों फलों के लिए अनुकूल है। सुबह में पुरवा और दोपहर में चल रही पछुआ हवा से लीची और आम के लिए वरदान साबित हो रहा है। मौसम शुष्क रहने से लीची में तेजी से लालिमा आ रही है। आम का आकार भी बड़ा हो रहा है। व्यापारी 10 मई के बाद लीची की तुड़ाई करने की तैयारी में हैं। मुजफ्फरपुर की लीची और भागलपुर का आम विश्वभर में प्रसिद्ध है। इन्हें जीआई टैग भी मिल चुका है।

राज्य के किसानों और कृषि वैज्ञानिकों की नजर मौसम पर है। अगर तापमान में वृद्धि हुई तो आम में फल छेदक बीमारी हो सकती है। लीची भी फट सकती है। उससे निजात पाने के लिए भी तैयारी की जा रही है। अनुमान है कि मई के अंत और जून की शुरुआत में किशन भोग और दशहरी आम दस्तक देने लगेगा। अभी का मौसम आम और लीची दोनों के लिए अनुकूल है। सुबह में पुरवा और दोपहर बाद पछिया हवा लाभप्रद हो रही है जिससे फल तैयार होता है।

new file page 0001 1

गढ़पुरा के विभिन्न लीची बागान में लीची में लालिमा आने लगी है। किसान मुजफ्फरपुर में लीची पकने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। धीरे-धीरे उसमें मिठास भी आने लगी है। लीची व्यापारी मोहम्मद आफताब ने बताया कि मौसम सही रहा तो 10 मई के बाद लीची की तुलाई शुरू होगी।

IMG 20230324 WA0187 01

पवन एक्स.से मुंबई लीची भेज सकेंगे किसान 

लीची की ढुलाई के लिए रेलवे किसानों के लिए व्यवस्था कर रही है। पवन एक्सप्रेस के पार्सल वैन व एसएलआर बोगी से लीची मुंबई भेजी जायेगी। इसके लिए मुजफ्फरपुर में रेलवे ने लीची व्यवासियों और किसानों के साथ बैठक की। लीची की ढुलाई में होने वाली परेशानी को जानने के लिए पूर्व मध्य रेल व सोनपुर रेल मंडल के अधिकारियों ने किसानों व व्यवसायियों के साथ डिजिटल संवाद किया गया।

Samastipur Town Page Design 01

अधिकारियों ने कहा कि जयनगर से मुंबई जाने वाली पवन एक्सप्रेस में एक पार्सल वैन और एसएलआर से लीची भेजी जायेगी। व्यापारियों ने 13201 पटना-लोकमान्य तिलक टर्मिनल में भी लीची ढुलाई की सुविधा देने की मांग की। कुछ किसान ग्रुप बनाकर लीची और आम खुद से बाहर भेजने की तैयारी कर रहे हैं।

IMG 20230428 WA0067 01 01

बिहार में लगभग 36 हजार हेक्टेयर में जमीन पर लीची की खेती होती है। सलाना फसल का उत्पादन करीब 310 हजार मैट्रिक टन लीची पैदा है। हालांकि लीची का फलन मौसम पर निर्भर है। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि लीची के लिए अधिकतम तापमान 38 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए। ज्यादा तापमान होन पर फल फटने लगते हैं। ऐसे तो मुजफ्परपुर लीची के लिए प्रसिद्ध है। लेकिन पटना, वैशाली, औरंगाबाद, पूर्णिया, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण समेत 10 जिलों में इसकी बंपर पैदावार होती है।

20x10 Hoarding 11.02.2023 01 scaled

बिहार के अधिकांश जिलों में आम की खेती की जाती है जहां विभिन्न किस्मों की पैदावार होती है। इनमें सफेद मालदह, जर्दालु, गुलाब खास सबसे ज्यादा लोकप्रिय है। भागलपुर के जर्दालु आम को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिल चुकी है। साल 2018 में इसे भी जीआई टैग का तगमा दे दिया गया। बिहार सरकार और एपीडा की मदद से भागलपुर का लाखों टन जर्दालु आम बहरीन, बेल्जियम व इंगलैंड जैसे देशों में निर्यात किया जाता है। आम की खेती लगभग 160.24 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल जमीन पर होती है। कुल मिलाकर लगभग 1549.97 हजार टन उत्पादन प्राप्त होता है।

IMG 20230109 WA0007

IMG 20230416 WA0006 01

Post 193 scaled

20201015 075150