आयुष्मान भारत योजना में फर्जीवाड़ा, पटना एम्स में सर्जरी करवा सरकार को लगाया 2 लाख का चूना
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बिहार में केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। पटना एम्स में कथित तौर पर दो लोगों ने सर्जरी करवाकर सरकार को 2 लाख रुपये का चूना लगा दिया। राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों ने पाया है कि फर्जी आयुष्मान कार्ड बनवाकर मुफ्त में ये सर्जरी की गई हैं।
बिहार स्वास्थ्य सुरक्षा समिति के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अलंकृत पांडेय ने कहा गुरुवार शाम एचटी से बातचीत में कहा कि दोनों कार्ड फर्जी हैं। हम कार्ड जारी करने वाली एजेंसी का पता लगाने में जुटे हैं। जानकारी जुटाई जा रही है। अभी थोड़ा और समय लग सकता है।
बिहार में 23 सितंबर 2018 को इस योजना की शुरुआत हुई थी, तब से लेकर अब तक पहली बार इसमें फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। ऐसे और कई मामलों का खुलासा हो सकता है। बतायाजा रहा है कि लोग फर्जी आयुष्मान भारत कार्ड बनवाकर गैरकानूनी तरीके से मुफ्त इलाज की सुविधा ले रहे हैं। इस योजना से जुड़े एक अधिकारी का कहना है कि लोग फर्जीवाड़ा करने के लिए आधार आधारित बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन सिस्टम में भी हेरफेर कर रहे हैं।
एचटी की रिपोर्ट के मुताबिक पटना एम्स में 9 मई को बक्सर नगर परिषद के कर्मचारी अविनाश कुमार (36) और 15 मई को भोजपुर के किसान अशोक सिंह की सर्जरी हुई थी। अशोक सिंह को कैंसर था और उनकी 22 मई को मौत हो गई। वहीं, अविनाश कुमार अब भी अस्पताल में भर्ती हैं।
अविनाश के बेटे विकी का कहना है कि उसके पिता की सर्जरी होने के बाद उन्हें पैरेलाइटिक स्ट्रोक आया था। अस्पताल ने हमारे कार्ड को फर्जी बताते हुए हमें आयुष्मान भारत के लाभार्थी से सामान्य मरीज की श्रेणी में डाल दिया है। इस वजह से ऑपरेशन के बाद हमें 30 हजार रुपये का भुगतान करना पड़ा है। विकी ने कहा कि इस कार्ड से दो किस्तों में 1.84 लाख रुपये आ चुके हैं, तो यह फर्जी कैसे हुआ? हम गरीब लोग हैं, हमारे पास पैसे और संसाधन नहीं हैं।
विकी ने एचटी के रिपोर्टर अपने पिता के राशन कार्ड का फोटो शेयर किया, जो कि उसके आधार से मेल नहीं खाता है। PMJAY लाभार्थियों के लिए राशन कार्ड होना जरूरी है।
दूसरी ओर, अशोक कुमार सिंह के बेटे लल्लू कुमार ने अपने पिता के राशन कार्ड की कॉपी शेयर करने से इनकार कर दिया। उसने कहा कि वह अभी अपने पिता की मौत से सदमे में है। अब मेरे पिता के राशन कार्ड की कॉपी या उनका PMJAY कार्ड फिर से चालू करने से क्या मतलब है, वे अब इस दुनिया में हैं ही नहीं।
कुमार और सिंह पर किसी का ध्यान नहीं गया होता अगर उन्हें सर्जरी के बाद के प्रबंधन के लिए धन की आवश्यकता नहीं होती। एक अन्य अधिकारी ने कहा कि पीएमजेएवाई कंप्यूटर एप्लीकेशन सिस्टम में उनके पहले से स्वीकृत सर्जरी कोड में एक दवा कोड जोड़ने की आवश्यकता थी, एक प्रक्रिया जो अटक गई और उनके कार्ड (M6NOLM5PV और M58DI7I7K) को 19-20 मई को ब्लॉक कर दिया गया।
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि PMJAY कंप्यूटर एप्लीकेशन सिस्टम में उनके पहले से स्वीकृत सर्जरी कोड डालने की जरूरत थी, यह प्रक्रिया बीच में ही अटक गई और 19 एवं 20 मई को उनके कार्ड ब्लॉक कर दिए गए।
अविनाश कुमार को सर्जरी के बाद कार्डियक सर्जरी के बाद 10 मई को आईसीयू में शिफ्ट किया गया था। वहीं, अशोक को वेंटिलेटर पर रखा गया। उन्हें 17 और 20 मई को दो बार इलाज दिया गया। जब उनकी तबीयत और बिगड़ना शुरू हुई तो एम्स ने PMJAY के तहत मुफ्त इलाज देने से इनकार कर दिया। इस वजह से परिवार वालों को सर्जरी के बाद 3 हजार रुपये खर्च करने पड़े। वे खुद से ही अशोक को अस्पताल से छुट्टी दिलाकर घर ले गए। जहां उनकी 22 मई को मौत हो गई।
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के क्रियान्वयन के लिए बिहार स्वास्थ्य सुरक्षा समिति राज्य सरकार की नोडल हेल्थ एजेंसी है। यह राष्ट्रीय हेल्थ अथॉरिटी (NHA) के तहत काम करती है। इसी एजेंसी ने दोनों मरीजों को एम्स में भर्ती करने और उनका इलाज करने की मंजूरी दी थी।
समिति की ओर से अविनाश कुमार के डबल वॉल्व ऑपरेशन के लिए 2.26 लाख रुपये और अशोक सिंह की सर्जरी के लिए 15,950 रुपये योजना के तहत जारी किए थे। समिति अब उस एजेंसी के बारे में जानकारी जुटा रही है जिसने ये कार्ड जारी किए थे।
बता दें कि बिहार में ग्रामीण स्तर पर 60 हजार से ज्यादा दुकानदार हैं, जो PMJAY कार्ड बनाते हैं। इसके अलावा सरकारी और निजी अस्पताल में आयुष्मान मित्र, पंचायती राज सहायक और आईटीएसएल एजेंसी ये कार्ड बनाती हैं।
पटना एम्स की ओर से अभी तक इस पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई है। आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना पीएम मोदी की फ्लैगशिप योजनाओं में से एक है। इसके तहत लाभार्थियों को सालाना 5 लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज की सुविधा मिलती है। इसमें केंद्र और राज्य 60:40 के आधार पर फंड शेयर करते हैं।