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बिहार: वाहन चेकिंग के क्रम ASI ने मारी थी गोली, 45 दिन बाद इलाज के दौरान मौत, परिवार में मचा कोहराम

हेलमेट नहीं पहनने पर बिहार पुलिस के ASI ने पीछा कर 23 साल के युवक सुधीर को गोली मारी थी। 45 दिनों तक जिंदगी की लड़ाई लड़ रहे सुधीर की आज सुबह 4 बजे पटना में मौत हो गई।

सुधीर का पहले नालंदा जिले के हिलसा में इलाज चल रहा था। 18 अप्रैल को हिलसा के प्राइवेट अस्पताल से पटना के IGIMS लाया गया था। फिर भी हालत में सुधार नहीं हुआ। 30 अप्रैल को परिजन उसे IGIMS से पटना के ही एक प्राइवेट अस्पताल ले गए थे। परिवार ने अपने बेटे को बचाने के लिए 20 लाख रुपए तक खर्च किए। इसके बाद भी सुधीर की जान नहीं बच सकी। वह तीन बहनों में इकलौता भाई था।

दरअसल, जहानाबाद के ओकरी गांव के अनंतपुर गांव के पास पुलिस गाड़ियों की चेकिंग कर रही थी। वहीं से सुधीर गुजर रहा था, जैसे ही उसने पुलिस को देखा तो वह डर गया। उसके पास हेलमेट और ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था। तभी ओकरी थाने में तैनात एएसआई मुमताज अहमद ने पीछा कर उसे गोली मार दी थी।

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पिछले साल हुई थी शादी

युवक तीन बहनों का इकलौता भाई था। वह स्नातक पार्ट 2 में पढ़ाई कर रहा था। सुधीर की पिछले साल ही शादी हुई थी। दहेज में उसे ग्लैमर बाइक मिली थी। सुधीर की मां ने छठ पूजा की थी। इस दौरान वह फल लाने बाजार गया था। उसी दौरान यह घटना हुई।

अब पूरा मामला समझिए

28 मार्च को सुबह 9 बजे सुधीर अपने गांव कोरथू (नालंदा) से सामान लाने बंधुगंज बाजार (जहानाबाद) जा रहा था। अनंतपुर गांव में पुलिस की चेकिंग देख अपने गांव की तरफ भाग रहा था। उसके पास हेलमेट और ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था।

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ग्रामीणों के मुताबिक, सुधीर को भागता देख चेकिंग कर रही टीम के प्रभारी चंद्रहास ने कहा, गोली मार दो। इसके बाद ASI मुमताज अहमद सुधीर की तरफ दौड़े।

सुधीर की बाइक तब तक स्पीड भी नहीं पकड़ पाई थी। मुमताज अहमद ने अपनी पिस्टल निकाली और सुधीर के सीने में गोली मार दी। गोली लगने के बाद भी सुधीर करीब 1 किलोमीटर तक भागा। गांव वालों ने उसे देखा और घर वालों को सूचना देकर अस्पताल पहुंचाया।

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इस मामले में सबसे हैरान करने वाला रवैया पुलिस का रहा। जहां पुलिस एक कुख्यात अपराधी को भी गोली मारने के बाद अस्पताल पहुंचाती है। वहीं इस मामले में पुलिस ने ये जानने की कोशिश भी नहीं की कि गोली लगने के बाद सुधीर जिंदा भी था या मर गया। वह कहां गया?

परिवार में कोहराम

जैसे ही शुक्रवार को पटना में डॉक्टर ने युवक की मौत की पुष्टि की, परिजनों में कोहराम मच गया। परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल है।

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तेल्हाड़ा थाना अध्यक्ष चंदन कुमार ने बताया कि इलाज के दौरान युवक की आज पटना में मौत हो गई है। ओकरी ओपी में पहले से मामला दर्ज है। आरोपी पहले से ही न्यायिक हिरासत में हैं, आईपीसी की धाराओं में आगे की कार्रवाई की जाएगी।

अब पुलिस की कहानी पढ़िए…

पुलिस ने उस दिन रिलीज जारी करके पूरी घटनाक्रम को बताया था। पुलिस के मुताबिक जांच में पता चला कि शराब की सूचना मिली थी। ओपी प्रभारी, दो पुलिस पदाधिकारी और दो सिपाही के साथ अनंतपुर पुल के पास गांव से गुजरने वाली सड़क के बगल में मंदिर के पास चेकिंग कर रहे थे। तभी 9.50 बजे एक लड़का कंधे पर बैग टांगे बाइक से तेजी से आ रहा था।

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उसे रोकने की कोशिश की गई, तो इन लोगों को क्रॉस करके भाग निकला। कुछ दूरी पर दूसरी तरफ चेकिंग कर रहे एक पदाधिकारी एवं दो पुलिसकर्मियों ने उसे हाथ देकर रुकने का इशारा किया, लेकिन इसी बीच बिना आदेश के पदाधिकारी ने अचानक अपने सर्विस रिवॉल्वर से भाग रहे लड़के को गोली मार दी। गोली लगने के बाद भी वह लड़का तेजी से भागने लगा। पुलिस ने उसका पीछा किया, लेकिन वह भाग निकला।

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अब जान लीजिए मामले में अब तक क्या कार्रवाई की गई है?

घटना के बाद जहानाबाद SP दीपक रंजन ने तत्काल SDPO अशोक पांडे और घोषी थानाध्यक्ष के नेतृत्व में जांच टीम का गठन किया। मामला सही पाए जाने पर 29 मार्च को आरोपी ASI मुमताज अहमद के खिलाफ हत्या की कोशिश का केस दर्ज करते हुए उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। चेकिंग करने वाली पूरी टीम को सस्पेंड कर दिया गया। इस टीम में ओपी इंचार्ज चंद्रहास कुमार , ASI भीम कुमार, सिपाही विनय कुमार और सिपाही कुमार महेश शामिल थे।

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ओकरी ओपी अध्यक्ष राज किशोर प्रसाद ने बताया कि घायल युवक के मौत की जानकारी मिली है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। उसके परिजनों के लिखित बयान देने पर पुलिसकर्मियों के खिलाफ लगाई गई धाराओं में बदलाव कर 302 के तहत हत्या का केस भी लगाया जाएगा।

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