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बिहार में बदला शिक्षक बहाली का नियम तो टूट गई शादी! इकरारनामा हो रहा इंटरनेट मीडिया पर वायरल

बिहार में नयी शिक्षक नियमावली को लेकर शिक्षक अभ्यर्थियों और नियोजित शिक्षकों द्वारा लगातार विरोध किया जा रहा है. इसी बीच बगहा के दियारा इलाके से एक ऐसी खबर आई है जिसको सुन आप अपना माथा पीट लेंगे. दरअसल नई शिक्षक नियमावली लागू होने के कारण एक युवक दूल्हा बनने से वंचित हो गया है. बताया जा रहा है कि पश्चिमी चंपारण जिला के मधुबनी में एक युवक की शादी लड़की पक्ष वालों ने इस लिए तोड़ दी क्योंकि नए शिक्षक नियमावली के तहत शिक्षकों की भर्ती अब बीपीएससी (BPSC) के माध्यम से होगा और शिक्षक बनने के लिए फिर से परीक्षा पास करनी पड़ेगी.

यह पूरा मामला बगहा अनुमंडल क्षेत्र अंतर्गत धनहा थाना के तमकूहा बाजार मधुबनी का है, जहां स्व. मनोहर सिंह के बेटे पप्पू राज की शादी उत्तरप्रदेश के पडरौना जिला अंतर्गत जटहा बाजार निवासी भोला सिंह की सुपुत्री कुमारी वंदना से तय हुई थी. इसी माह के बीते 21 मई को शादी होनी थी और लड़के को दूल्हा बनना था. लेकिन लड़के का दुल्हा बनने का अरमान तब टूट गया जब लड़की पक्ष ने शादी करने से इंकार कर दिया. बताया जाता है कि इसको लेकर लड़का और लड़की यानी दोनों पक्षों में रजामंदी हुई. इसके लिए दोनों पक्षों ने इकरारनामा बनाया और गांव के कई लोग गवाह भी बने.

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इस इकरारनामा के मुताबिक लड़का पप्पू राज हाई स्कूल का शिक्षक बनने के लिए वर्ष 2019 से प्रयासरत था और CTET का परीक्षा उत्तीर्ण कर चुका था. उसको अब सातवें चरण के शिक्षक बहाली का इंतजार था. लड़की पक्ष वाले भी इस आशा में थे कि लड़का शीघ्र हाई स्कूल का शिक्षक बन जाएगा और वे अपनी लड़की का हाथ उक्त लड़के के साथ पीले कर देंगे. लेकिन नियति को कुछ और मंजूर था और अचानक नई शिक्षक नियमावली लागू हो गई जिसके तहत शिक्षक बनने के लिए बीपीएससी के तहत एग्जाम पास करना पड़ेगा. लिहाजा लड़की के पिता को जैसे हीं अखबार के माध्यम से इस बात की जानकारी हुई वह रिश्ता तोड़ने के लिए लड़के के घर पहुंच गया और आपसी इकरारनामा के बाद शादी तोड़ दी गई.

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लड़की के पिता भोला सिंह का कहना है की उन्होंने अपनी बिटिया की शादी किसी सरकारी नौकरी पेशा वाले लड़के से करने का सपना संजोया था. ऐसे में उम्मीद थी कि लड़का सातवें चरण में शिक्षक बन जाएगा. लेकिन नई शिक्षक नियमावली आ जाने से एक मर्तबा फिर एग्जाम पास करना होगा. नतीजतन शिक्षक बनना अब भविष्य के गर्भ में चला गया है. यहीं वजह है की वे पूरे होशो हवास में अपने बेटी की शादी गवाहों के समक्ष लड़का पक्ष के रजामंदी से तोड़ लिया और आपसी समझौता के तहत इकरारनामा बनाया गया.

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