अमित शाह से मुलाकात के बाद मांझी ने खायी कसम, बोले- नीतीश कुमार का नहीं छोड़ेंगे साथ, तेजस्वी बनेंगे CM
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्षी एकता को लेकर तमाम प्रयास कर रहे हैं. इस बीच महागठबंधन में उनके सहयोगी और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात ने सियासी अटकलबाजियों को तेज कर दिया. लेकिन, अब ऐसी सभी कयासबाजियों को जीतन राम मांझी ने स्वयं ही खारिज कर दिया है और हर हाल में सीएम नीतीश कुमार के साथ ही रहने को लेकर बड़ा बयान दिया है.
जीतन राम मांझी ने कहा कि वे चाहते हैं कि नीतीश कुमार देश के प्रधानमंत्री बनें तो यह बेहद स्वर्णिम होगा. मांझी ने तेजस्वी यादव की भी तारीफ की. मांझी ने कहा, मैं साफ कर देता हूं कि जो राजनीति में कभी नहीं हुई है वह बात हमने की है. हमने भावुक कसम खाई है कि हम नीतीश कुमार के साथ रहेंगे, इसके बाद भी कोई सवाल उठाता है तो मैं समझता हूं कि यह बेईमानी है. मैं नीतीश कुमार के साथ हूं और रहूंगा, इसमें कहीं कोई दो मत नहीं है.
मांझी ने कहा, गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं. ऐसे में अगर इन लोगों से काम नहीं लें, दूसरे मंत्रियों से काम नहीं लें, तो किनसे लेंगे. हम आरके सिंह से मिले हैं, हम नितिन गडकरी से मिलने वाले हैं. उन्होंने भी तीन एनएच दिया है. इसका मतलब यह नहीं कि हम बीजेपी में जा रहे हैं. हम काम के लिए इनसे मिलते हैं. हम एनडीए के विरोध में और महागठबंधन के साथ हैं. खास तौर पर नीतीश कुमार के साथ हैं, जिनके लिए हमने भावुक कसम खाई है. जब हमने कसम खाई है तो इससे भी बड़ा कुछ होता है क्या?
नीतीश कुमार की विपक्षी एकता की मुहिम पर मांझी ने कहा, बहुत ईमानदारी से नीतीश कुमार विपक्षी एकता का प्रयास कर रहे हैं और यह नि:स्वार्थ भाव से कर रहे हैं. जयप्रकाश जी ने जिस क्रांति की बात की थी, उसी तरह पूरे हिंदुस्तान में विरोधी दलों को मिलाने की जन क्रांति और जनचेतना के लिए नीतीश कुमार सबसे मिल रहे हैं, यह उनकी महानता है. आज समय की मांग है विपक्ष एक हो तभी महंगाई और बाकी चीजों पर काबू पाया जा सकता है. नीतीश कुमार का प्रयास बहुत सराहनीय है. हमलोगों को जो बन पाएगा उनकी मदद करेंगे.
नीतीश कुमार के प्रधानमंत्री बनने और उनकी क्षमता के सवाल पर मांझी ने कहा, शहर सीखावे कोतवाल को! काबिलियत का जहां सवाल है नीतीश कुमार में सारी क्षमताएं हैं, योग्यताएं हैं, अनुभव और इमानदारी है. आज तक बेईमानी की कोई उंगली नहीं उठी है. अगर भारत के प्रधानमंत्री के लिए विरोधी दल के लोग उनका नाम लेते हैं तो इससे अच्छा नाम नहीं हो सकता.
क्या तेजस्वी यादव बिहार संभालेंगे और नीतीश कुमार दिल्ली संभालेंगे, इस सवाल पर मांझी ने कहा, हम जरूर चाहते हैं. बहुत बड़े-बड़े पद पर जहां प्रधानमंत्री होते हैं, वहां नीतीश कुमार जाएं. जहां तक तेजस्वी का सवाल है वे एक होनहार युवक हैं और अच्छा काम कर रहे हैं. अगर बिहार की राजनीति में किसी को मौका मिलेगा तो बिहार के लिए भी अच्छा कर सकेंगे. भारत में प्रधानमंत्री के रूप में नीतीश कुमार को काम मिलेगा तो वह स्वर्णिम समय होगा भारत का.