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बिहार में शराबबंदी का अध्ययन करने पहुंची छत्तीसगढ़ से 17 सदस्यों की टीम, वहां भी लागू करने की उठ रही है मांग

बिहार में वर्ष 2016 से पूर्ण शराबबंदी है. प्रदेश में शराबबंदी को लेकर देश के विभिन्न राज्यों में उत्सुकता भी बढ़ी है. बिहार का शराबबंदी कानून किस तरह का है और किस तरह से लागू किया गया है, इन सब विषयों पर अध्ययन करने के लिए छतीसगढ़ सरकार ने एक टीम भेजी है. छत्तीसगढ़ से 17 सदस्यीय टीम बिहार आई है. इस 17 सदस्यीय टीम में कुछ अधिकारी भी हैं और कुछ राजनेता भी हैं. गुरुवार को पटना एयरपोर्ट पर टीम का स्वागत किया गया. उसके बाद टीम बिहार के विभिन्न इलाकों में शराबबंदी का अध्ययन करने के लिए निकल गई है.

शराबबंदी का अध्ययन करने छत्तीसगढ़ से आई टीम:

शराबबंदी कानून के बाद जो हालात हैं उसका अध्ययन छत्तीसगढ़ की यह टीम करेगी. किस तरह से यह लागू हुआ है, यह बिहार में सफल है या नहीं, शराबबंदी के प्रदेश में क्या हालात हैं, इन सब बिंदुओं पर भी अध्ययन किया जाएगा. टीम पूरी तरह से रिसर्च करेगी. पूरी टीम बिहार में 1 सप्ताह तक कई जिलों का दौरा भी करेगी और उसके बाद यह टीम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी मिलेगी.छत्तीसगढ़ मद्य निषेध विभाग के कमिश्नर ने कहा कि अध्ययन के बाद सरकार को रिपोर्ट दिया जाएगा.

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‘बिहार में शराबबंदी कानून का अध्ययन करने के बाद हमलोग अपनी सरकार को इस रिपोर्ट को सौंपेंगे. वैसे अभी तो हम लोग आए ही हैं. हम लोग कई जिलों का दौरा करेंगे और हमें लगता है कि जिस तरह का अध्ययन हम लोग करने आए हैं उसमें सफलता मिलेगी.’- कमिश्नर, छत्तीसगढ़ मद्य निषेध

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पर्यटक स्थलों के हालात पर भी नजर:

कुल मिलाकर देखें तो बिहार में शराबबंदी जिस तरह लागू है, उसको लेकर छत्तीसगढ़ से आई टीम पूरी तरह से अध्ययन करने के लिए यहां पर पहुंची है. अध्ययन करने वाली छत्तीसगढ़ के इस टीम के साथ बिहार के अधिकारी भी विभिन्न जिलों में जाएंगे. सूत्रों से मिल रही खबर के अनुसार मुख्य रूप से बिहार में जो पर्यटक स्थल हैं, शराबबंदी के बाद उसके क्या हालात हैं, इन सब बिंदुओं पर भी छत्तीसगढ़ से आई टीम अध्ययन करेगी.

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