बिहार विधान पार्षद सच्चिदानंद राय पर ED का शिंकजा, 794 करोड़ की मनी लांड्रिंग मामले में घर पर छापेमारी जारी
बिहार के निर्दलीय विधान पार्षद सच्चिदानंद राय के घर पर ईडी की टीम ने सोमवार को छापा मारा। दरअसल प्रवर्तन निदेशालय ने हावड़ा, आगरा, कोलकाता और सिलिगुड़ी में चिट फंड कंपनियों की जांच की। इसी दौरान इस केस में सच्चिदानंद राय के घर छापेमारी हुई। सच्चिदानंद राय बीजेपी के कोटे से विधानरपार्षद हुआ करते थे। लेकिन पिछले चुनाव में बीजेपी ने उनका टिकट काट दिया था। जिसके बाद वो निर्दलीय चुनाव लड़े और उन्होंने जीत हासिल की। अब उन पर ईडी ने शिकंजा कस दिया है।
इसी एक मार्च को ईडी की पड़ी नजर
इसी 1 मार्च को ED ने 794 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग केस में कोलकाता, सिलीगुड़ी , हावड़ा और आगरा में कई फंड कंपनियों की जांच की। इन्हीं में सच्चिदानंद राय भी पार्टनर बताए गए। तीन दिन तक ईडी ने लगातार जांच की, इस दौरान टीम पिनकॉन ग्रुप, टावर इंफोटेक प्राइवेट लिमिटेड यानि दो कंपनियों के करीब 15 ठिकानों पर पहुंच गई। इसके बाद इनकी जांच शुरू की गई। एक स्थानीय अखबार के अनुसार ईडी सूत्रों के मुताबिक सीबीआई और बंगाल पुलिस ने दोनों कंपनियों पर निवेशकों के 156 करोड़, 638 करोड़ रुपये की हेराफेरी के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की।
इनके यहां पड़े ईडी के छापे
प्रवर्तन निदेशालय के मुताबिक इस केस में कई और लोगों के यहां छापे पड़े हैं। लिस्ट कुछ यूं है।
- पिनकॉन ग्रुप और टावर ग्रुप के निदेशक मनोरंजन राय, हरि सिंह
- सुभ्रती बनर्जी
- संजय बसु
- मीना डे
- रमेंदु चट्टोपाध्याय
- इडेन इंफ्राप्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक इंद्रजीत डे और सच्चिदानंद राय
सच्चिदानंद राय की कंपनी भी शक के दायरे में
सच्चिदानंद राय की कंपनी इडेन रियल एस्टेट, ट्रांसपोर्ट और आईटी के व्यवसाय से जुड़ी है। इससे पहले इडेन ग्रुप ने करीब 15-16 साल पहले बिहार स्टेट ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन के साथ पार्टरनशिप में लक्जरी बस सर्विस शुरू की थी। लेकिन पता नहीं क्यों और कैसे, इडेन की सर्विस धीरे-धीरे खत्म हो गई। कहा तो ये भी जाता है कि इसके चलते ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन को करोड़ों रुपयों का घाटा हुआ था।