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खुशखबरी ! बिहार को जल्द मिलेगा दरभंगा एम्स, 150 एकड़ जमीन चिन्हित; वर्ल्ड क्लास सुविधाओं से होगा लैस

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दरभंगा में प्रस्तावित बिहार के दूसरे एम्स के लिए जमीन की बाधा दूर हो गई है। स्वास्थ्य विभाग ने दरभंगा के बलिया मौजा में 150 एकड़ जमीन एम्स के लिए चिह्नित कर लिया है। केंद्र सरकार के नियमों के अनुसार किसी भी एम्स के लिए न्यूनतम 150 एकड़ जमीन ही चाहिए। एम्स के लिए चिह्नित स्थल आमस-दरभंगा चार लेन से यह महज पांच किलोमीटर की दूरी पर है।

स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने कहा कि दरभंगा एम्स के लिए अब स्थायी तौर पर जमीन चिह्नित कर ली गई है। एकमी-शोभन बाईपास सड़क के किनारे 150 एकड़ जमीन चिह्नित कर लिया गया है। यह सड़क बलिया मौजा के थाना संख्या 120/2 से संबंधित है। बीते दिनों समाधान यात्रा पर दरभंगा गए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस स्थल का मुआयना किया था।

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चिह्नित जमीन की अधिग्रहण की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। विभाग की ओर से दरभंगा के डीएम को अधियाचना भेजी गई है। चूंकि मामला अस्पताल निर्माण से जुड़ा है। इसलिए एम्स के लिए चिह्नित स्थल को प्राथमिकता के तौर पर अधिग्रहण का आदेश दरभंगा जिला प्रशासन को भेजा गया है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार एम्स के लिए जिस जमीन को चिह्नित किया गया है, उसके लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की ओर से राज्य कैबिनेट को प्रस्ताव भेजा जाएगा। राज्य कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद जमीन अधिग्रहण के साथ ही संबंधित किसानों को पैसा भुगतान भी शुरू हो जाएगा।

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उत्तर बिहार के साथ ही नेपाल के लोगों को भी मिलेगा इलाज

वर्ष 2016-17 में केंद्र सरकार ने दरभंगा में एम्स के निर्माण की घोषणा की थी। तब बिहार सरकार ने 3 नवंबर, 2021 को डीएमसीएच की 201 एकड़ जमीन सभी संरचनाओं सहित नि:शुल्क भारत सरकार को देने का फैसला लिया। चूंकि, दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के पास 227 एकड़ जमीन थी। लेकिन इसमें मात्र 26 एकड़ जमीन पर ही डीएमसीएच रहता। इसलिए फिर तय हुआ कि डीएमसीएच से सटे पेपर मिल की जमीन को एम्स के लिए दे दिया जाए।

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लेकिन यह भी तकनीकी कारणों से उपयुक्त साबित नहीं हुई। इसी के चलते में अब नया स्थल चिह्नित किया गया है। आमस-दरभंगा फोर लेन से सटे होने के कारण लोगों को एम्स तक पहुंचने में कोई परेशानी नहीं होगी। इसका सबसे अधिक लाभ उत्तर बिहार के जिले के लोगों को होगा। पड़ोसी देश नेपाल के लोगों को भी सुविधा होगी। दरभंगा में डीएमसीएच के साथ-साथ एम्स भी होगा, जहां लोगों को विश्वस्तरीय चिकित्सा सुविधाएं मिलेंगी।

ओपीडी में एक दिन में 2500 मरीजों का इलाज हो सकेगा

अस्पताल का निर्माण पूरा हो जाने के बाद ओपीडी में एक दिन में 2500 मरीजों का इलाज हो सकेगा। इस अत्याधुनिक सुविधाओं वाले अस्पताल के निर्माण की लागत करीब 1264 करोड़ रुपए होगी। जिसमें 750 बेड होंगे। साथ ही यहां 100 सीटों पर एमबीबीएस और 60 सीटों पर बीएससी नर्सिंग की पढ़ाई भी हो सकेगी।

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दरभंगा एम्स का निर्माण प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत किया जाएगा। इस अस्पताल में 15 से 20 सुपर स्पेशियलिटी डिपार्टमेंट भी होंगे। दरभंगा एम्स बिहार का दूसरा और देश का 22वां एम्स होगा। केंद्र सरकार की सबको स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लक्ष्य के तहत देश के दूरदराज इलाकों में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान जैसे अस्पताल बनाने की योजना के तहत ही दरभंगा में एम्स का निर्माण कराया जा रहा है।

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