बिहार के दूसरे दशरथ मांझी: भगवान योगेश्वर नाथ के मंदिर के लिए 1500 फीट ऊंचे पहाड़ को काटकर बनाई 400 सीढ़ियां, 8 साल लग गए
बिहार में दशरथ मांझी की तरह एक और कहानी सामने आई है। जहानाबाद में 1500 फीट ऊंचे पहाड़ को छेनी-हथौड़ी से काटकर एक शख्स ने 400 सीढ़ियां बना दी। पहाड़ पर भगवान योगेश्वर नाथ का मंदिर है। जहां जाने के लिए लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता था। गनौरी पासवान (50) ने अपने परिवार और गांव वालों की मदद से 8 साल में इस काम को पूरा किया है।
अब इस मंदिर तक पहुंचने में टाइम भी कम लगता है। और ज्यादा परेशानी भी नहीं होती। गनौरी माउंटेन मैन दशरथ मांझी को अपना आदर्श मानते हैं। ये मंदिर जहानाबाद से 30 किलोमीटर दूर है।
पत्थरों को काटकर गनौरी ने बनाई सीढ़ी
हुलासगंज थाना क्षेत्र के जारु बनवरिया गांव के पास ऊंची पहाड़ी पर बाबा योगेश्वर नाथ मंदिर में गनौरी भजन कीर्तन के लिए जाते थे। घंटों मशक्कत के बाद वहां पहुंच पाते थे। कई बार कांटे और नुकीले पत्थरों से घायल भी हो जाते थे। महिलाएं तो और भी मुश्किल से पहुंच पाती थीं।
यह देख गनौरी पासवान ने बाबा योगेश्वर नाथ धाम तक रास्ता सुगम बनाने की ठान ली। पत्थरों को काटकर सीढ़ी बनाने की शुरुआत की। मंदिर तक पहुंचने के लिए एक नहीं बल्कि दो रास्ते बना दिए। एक रास्ता जारू गांव की ओर से और दूसरा बनवरिया गांव की ओर से बनाया गया है। लोगों के सहयोग और अपने पूरे परिवार के श्रमदान से लगभग 8 साल में पूरा किया।
राज मिस्त्री हैं गनौरी पासवान
गनौरी पहले ट्रक ड्राइवर थे। इसके बाद उन्होंने राज मिस्त्री का काम शुरू किया। छुट्टियों में घर आने पर लोक संगीत और गायन में गहरी रुचि लेते थे। गांव की गायन मंडली के साथ जारु बनवरिया गांव के पास पहाड़ पर बाबा योगेश्वर नाथ मंदिर में भजन कीर्तन के लिए जाते थे।
कठिन परिश्रम से वहां तक लोग पहुंच पाते थे। तभी मन में संकल्प लिया कि बाबा योगेश्वर नाथ धाम तक की यात्रा को वह हर हाल में सुगम बनाएंगे। यहीं से पत्थरों को काटकर सीढ़ी बनाने की शुरुआत की।
मूर्तियों की भी खोज करते हैं गनौरी
गनौरी पासवान की एक और खासियत है। पहाड़ की तलहटियों में जाकर पुरानी मूर्तियों की भी खोज करते हैं। फिर उन मूर्तियों को योगेश्वर नाथ मंदिर के रास्ते पर स्थापित कर देते हैं। काले पत्थर की भगवान बुद्ध की छह फीट की विशाल प्रतिमा भी खोज निकाली, जिसका जिक्र इतिहास के पन्नों में दर्ज है।
पर्यटन स्थल बनाने की चाहत गनौरी पासवान कहते हैं कि उन्हें पता नहीं कहां से ऐसी शक्ति मिलती है जिससे वह दिन रात पहाड़ों में छेनी हथौड़ी लेकर खोया रहते हैं। अब एक ही संकल्प है कि योगेश्वर नाथ मंदिर को पर्यटक स्थल के रूप में पहचान मिले। इस काम में पत्नी, बेटे का भरपूर सहयोग मिल रहा।