समस्तीपुर Town

नजर हर खबर पर…

BiharNEWS

बिहार के लाल श्रेयस ने ढूंढ निकाले 2 क्षुद्र ग्रह, NASA कर रहा सलाम, श्रेयस के नाम पर ही क्षुद्र ग्रहों का नामकरण

‘बिहार के टैलेंट पर कभी संदेह नहीं करते…’, इस चर्चित बात को औरंगाबाद के छात्र श्रेयस ने एक बार फिर से सच कर दिखाया है। छात्र जीवन में ही श्रेयस ने वह कारनामा कर दिखाया है, जहां तक पहुंचने के लिए ना जानें कितनी मोटी-मोटी किताबें पढ़ने के बाद वर्षों तक रिसर्च सेंटरों में दिमाग खपाना पड़ता है। औरंगाबाद के सत्येंद्र नगर में रहने वाले टीचर सूर्यकांत सिन्हा और शिक्षिका निभा सिन्हा के बेटे श्रेयस बी चंद्रा ने अपनी विलक्षण प्रतिभा से इतिहास रच दिया है। उसने सौरमंडल के दो क्षुद्र ग्रहों को ढूंढ निकाला है।

श्रेयस के नाम पर रखे गए क्षुद्र ग्रहों के नाम

श्रेयस की इस खोज को लेकर नासा (NASA) की टीम ने उससे संपर्क किया है। इतना ही नहीं, अब दोनों क्षुद्र ग्रह उसके नाम SBC 2331 और SBC 3117 से जाने जाएंगे। श्रेयस की इस उपलब्धि से उसके शिक्षक माता-पिता न सिर्फ बेहद खुश हैं, बल्कि उसके घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। अपनी उपलब्धियों पर श्रेयस ने बताया कि इस कार्य के लिए उसकी टीम है और उस टीम में हर्ष आलोक और ओजस लुटरेजा शामिल हैं।

IMG 20220723 WA0098

नासा से मिली 4 तस्वीरों को श्रेयस ने किया है एनलाइज

प्रतिभाशाली छात्र ने बताया कि टीम के सदस्यों की ओर से 7 क्षुद्र ग्रहों की खोज की गई है। श्रेयस ने बताया कि नासा ऐसे कार्यक्रम का आयोजन करती है, जिससे अंतरिक्ष के बारे में रुचि रखने वालों को शामिल किया जाता है। इसमें रजिस्ट्रेशन के बाद कुछ परीक्षाओं से गुजरना पड़ता है और उसके बाद नासा की ओर से 4 इमेज दिए जाते हैं। नासा से प्राप्त उन इमेज को 24 घंटे के अंदर में एनलाइज करना पड़ता है।

IMG 20220728 WA0089

इसके बाद नासा ही स्पेशल टाइप का एक एप्लीकेशन देती है। यह एप्लीकेशन एस्ट्रोनॉमिका के नाम से जाना जाता है। इसे सबमिट करने के लिए सब्सक्रिप्शन नासा की ओर से ही प्राप्त होता है।

साइंटिस्ट बनना चाहते हैं श्रेयस

श्रेयस ने बताया कि उसका उपयोग करके क्षुद्र ग्रह नासा की वेबसाइट पर अपलोड करना पड़ता है। अपनी उपलब्धि को लेकर श्रेयस ने अपनी टीम के सदस्यों को काफी धन्यवाद दिया है। उसने विशेषकर ओजस लुटरेजा को शुक्रिया कहा है, जिसने बेहद कम समय में 4 क्षुद्र ग्रहों को खोजा है। सुरेश ने बताया कि नासा उनकी ओर से खोजे गए सुदूर ग्रहों को 3 साल तक लगातार ट्रैक करेगी उसके बाद यदि वह क्षुद्रग्रह अस्तित्व में रहते हैं तो वहां से एक सर्टिफिकेट मिलेगा और तब नासा जाने की उम्मीद बढ़ जाएगी।

IMG 20220928 WA0044

श्रेयस फिलहाल दिल्ली में रहकर इंजीनियरिंग की तैयारी में जुटा हुआ है और अंतरिक्ष से जुड़ी गतिविधि पर लगातार नजर रख रहा है। श्रेयस की इच्छा आगे चलकर एक बड़े साइंटिस्ट बनने की है।

नारी सुरक्षा से जुड़ा डिवाइस इजाद कर चुके हैं श्रेयस

श्रेयस ने इस उपलब्धि से पूर्व भी अपने एक आविष्कार को लेकर काफी चर्चित हुआ था। श्रेयस ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए एंटी वुमेन डिवाइस भी बनाया है जो अनुसंधान की प्रक्रिया में है। उस डिवाइस के तहत कोई भी किशोरी, युवती या महिला अपने मोबाइल में इंस्टाल करके रख सकती हैं। उन्हें अकेले में सड़क पर या को अन्य जगह पर किसी तरह के खतरे का आभास होगा तो वह मोबाइल के एक बटन को दबाएंगी, जिससे 4 फीट तक रहे बदमाशों को करंट का झटका लगेगा और वह थोड़ी देर तक अचेत हो जाएगा। तब तक महिलाएं, युवती या किशोरी खुद को सुरक्षित कर वहां से निकल जाएंगी। श्रेयस की टीम में शामिल ओजस ने भी अपनी उपलब्धियों को साझा कर इसे बेहद ही रोमांचकारी बताया है।

Banner 03 01JPCS3 01IMG 20221017 WA0000 01IMG 20211012 WA00171 840x760 1IMG 20220915 WA0001IMG 20220331 WA0074