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BPSC की मोटर वाहन निरीक्षक भर्ती परीक्षा में एक कमरे में बैठे 28 में से 24 सफल, कोर्ट ने मांगा जवाब

मोटर वाहन निरीक्षक की परीक्षा में एक परीक्षा केंद्र के एक कमरे में बैठने वाली 28 में से 24 महिला अभ्यर्थियों के सफल होने के मामले की निगरानी जांच के लिए दायर लोकहित याचिका पर पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और बिहार लोक सेवा आयोग से जवाब तलब किया है। कोर्ट ने दो सप्ताह के भीतर जवाबी हलफनामा दायर करने का आदेश दिया। साथ ही आवेदक को उसके बाद एक सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा।

मुख्य न्यायाधीश संजय करोल तथा न्यायमर्ति एस. कुमार की खंडपीठ ने विनोद कुमार की ओर से दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई की। आवेदक की ओर से अधिवक्ता दीनू कुमार और रितिका रानी ने कोर्ट को बताया कि मोटर वाहन निरीक्षक के 90 पदों पर नियुक्ति के लिए 5 और 6 मार्च को परीक्षा ली गई थी। उनका कहना था कि शास्त्रीनगर के गवर्नमेंट गर्ल्स हाई स्कूल केंद्र पर ली गई परीक्षा के एक ही क्लास रूम में बैठे 28 लड़कियों में से 24 लिखित परीक्षा में सफल हो गईं। इतना ही नहीं 24 लड़कियों का रोल नंबर एक के बाद एक था।

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उनका कहना था कि आश्चर्य की बात यह है कि इस पर न तो आयोग और न ही राज्य सरकार ने ध्यान दिया। परीक्षा में बरती गई अनियमितता को लेकर अखबारों में खबर छपने के बाद 9 अगस्त को दिये गये अभ्यावेदन पर राज्य सरकार, बीपीएससी, विजिलेंस और आर्थिक अपराध इकाई ने कोई कार्रवाई नहीं की। उन्होंने विज्ञापन संख्या- 6/20 के तहत ली गई परीक्षा को रद्द कर नये सिरे से परीक्षा कराने तथा पूरे मामले की जांच विजिलेंस व आर्थिक अपराध इकाई से कराने की मांग कोर्ट से की।

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कोर्ट ने कहा कि सरकार एवं आयोग की ओर से जवाब आने के बाद कोई फैसला लिया जायेगा। कोर्ट ने मामले पर अगली सुनवाई की तारीख 14 अक्टूबर तय की।

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