बिहार की शिक्षा व्यवस्था में बच्चों का भविष्य संवार रहे शिक्षक कैसे हैं, इसकी एक बानगी बिहार लोक सेवा आयोग की हेडमास्टर परीक्षा के नतीजों से मिल गया है। गुरुवार को बीपीएससी ने पहली बार आयोजित हेडमास्टर परीक्षा का रिजल्ट जारी किया जिसमें 97 परसेंट टीचर फेल हो गए। मात्र 3.22 परसेंट शिक्षक ही बीपीएससी की यह परीक्षा पास कर पाए जिनको अब सरकारी स्कूलों में हेडमास्टर के पद पर तैनात किया जाएगा। दुर्भाग्य देखिए कि बीपीएससी की इस परीक्षा से भरे जाने वाले हेडमास्टर के 94 परसेंट पद खाली रह गए क्योंकि परीक्षा में बैठे टीचर क्वालीफाई ही नहीं कर सके।
राजधानी के 25 केंद्रों पर आयोजित परीक्षा में 13 हजार 55 अभ्यर्थी शिक्षक शामिल हुए थे। बीपीएससी ने प्रधानाध्यापकों के कुल 6421 पदों के लिए वैकेंसी निकाली थी लेकिन परीक्षा में मात्र 421 शिक्षक ही प्रतियोगी परीक्षा पास कर सके। जाहिर तौर पर 6000 पद खाली रह गए और इनको भरने के लिए या तो दोबारा परीक्षा लेनी होगी या फिर कोई और रास्ता सरकार को चुनना होगा। जो 421 पास किए हैं उनमें 415 अनारक्षित यानी बगैर रिजर्वेशन वाले हैं। खास बात ये है कि अनरिजर्व कैटेगरी के 415 चयनित शिक्षकों में सबसे ज्यादा 140 ओबीसी, 103 ईबीसी और 99 सामान्य जाति के हैं। इस कैटेगरी का कट ऑफ मार्क्स 48 था। मजेदार बात और भी है। 87 शिक्षकों का पर्चा ही कैंसिल हो गया क्योंकि उन्होंने प्रश्न पत्र सीरीज ही दर्ज नहीं किया। 12547 कैंडिडेट को न्यूनतम योग्यता के नंबर नहीं मिल सके।
बिहार में ज्यादातर स्कूल कई साल से बगैर हेडमास्टर के चल रहे हैं। स्कूलों को किसी शिक्षक को प्रभारी बनाकर चलाया जा रहा है। राज्य सरकार ने पिछले साल तय किया था कि प्राइमरी स्कूल में हेड टीचर और हाई स्कूल में हेडमास्टर का एक अलग कैडर बनाकर प्रतियोगी परीक्षा के जरिए उनकी बहाली की जाएगी। सरकार की मंशा थी कि इससे शिक्षा का स्तर उठेगा और स्कूल प्रशासन बेहतर होगा। सरकार चाहती थी कि मेधावी शिक्षक इस रास्ते आगे बढ़ें। लेकिन हेडमास्टर परीक्षा का रिजल्ट बिहार की पहली शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) जैसा ही निराशाजनक रहा। बिहार में 2011 में पहली बार टीईटी आयोजित की गई थी जिसमें मात्र 2.81 परसेंट कैंडिडेट पास हो सके थे। महिलाओं का पास परसेंट और भी कम 1.57 फीसदी रहा था।
87 उम्मीदवार ओएमआर शीट पर नहीं दे सके प्रश्न पुस्तिका शृंखला
आयोग की ओर से प्रश्न व उत्तर पुस्तिका शृंखला दर्ज नहीं होने के कारण 87 उम्मीदवारों को अयोग्य घोषित करते हुए उनके ओएमआर को रद कर दिया। इन उम्मीदवारों ने अपने ओएमआर उत्तर पत्रक में प्रश्न पुस्तिका शृंखला नहीं अंकित किया था।
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