मोरवा में लालटेन पर तीर का निशाना फिर विफल, निर्दलीय प्रत्याशी अभय सिंह ने बिगाड़ा JDU के विद्यासागर निषाद का खेल

समस्तीपुर : मोरवा विधानसभा क्षेत्र में एक बार फिर सत्ताधारी राजनीतिक तीर, लालटेन को नहीं भेद सकी। वर्ष 2020 के बाद लगातार दूसरी बार इस विधानसभा क्षेत्र से महागठबंधन के राजद प्रत्याशी रणविजय साहू ने अपनी सीट बचा ली। उन्हें कुल 76764 मत प्राप्त हुए। जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंदी जदयू के प्रत्याशी व पूर्व विधायक विद्यासागर सिंह निषाद को 68588 मत प्राप्त हुए। इस चुनाव में रणविजय साहू ने विद्यासागर से निषाद को कुल 8176 मतों से पराजित किया। इस क्षेत्र की चुनावी बिसात पर लगातार दूसरी बार प्रत्याशी अभय कुमार सिंह ने चुनावी गणित को पूरी तरह मोड़ दिया।
वर्ष 2020 के चुनाव में रणविजय साहू को कुल 59554 एवं विद्या सागर सिंह निषाद को कुल 48883 मत मिले थे। तब दोनों प्रत्याशियों के बीच जीत का अंतर 10671 था। इस बार भी जदयू ने विद्यासागर सिंह निषाद को अपना प्रत्याशी बनाया। राजद ने वर्तमान विधायक रणविजय साहू को मैदान में उतारा। जदयू और लोजपा का गठबंधन होने के कारण इस बार अभय कुमार सिंह को लोजपा का टिकट नहीं मिल पाया तो वे बागी हो गए और उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन कर दिया।

स्थिति फिर वही हुई और सवर्णों के मतों का फिर व्यापक बिखरा हुआ। इस चुनाव में अभय कुमार सिंह ने कुल 29691 मत प्राप्त किए। सवर्ण मतों के बिखराव के कारण विद्यासागर सिंह निषाद को 8176 मतों से पराजित होना पड़ा और एक बार फिर राजद के रणविजय साहू ने इस चुनाव में अपनी जीत दर्ज कराई। इस चुनाव में जन सुराज की डॉ. जागृति को कुल 4071 मत मिले। यहां नोटा को कुल 3537 मत मिले।

इनमें प्रत्याशी रंजीत कुमार को 3225, टुनटुन राय को 3109, चंद्रशेखर राय को 2695, बृजेंदु कुमार सिंह को 1667 एवं संतोष राय को 1277 मत मिले। कुल मिलाकर जदयू, राजद, निर्दलीय अभय सिंह एवं जन सुराज की प्रत्याशी को छोड़कर सभी प्रत्याशियों को नोटा से भी काम वोट मिले। मतदाताओं का मानना है कि रणविजय साहू ने बीते 5 वर्षों में विकास के कई कार्य किए।
चुनाव में परास्त होने के बाद अभय सिंह का पहला इंटरव्यू :





