बिहार के 15 जिलों से महागठबंधन का सूपड़ा साफ; एक भी सीट नहीं जीत पाए राजद, कांग्रेस, लेफ्ट

बिहार विधानसभा चुनाव में राज्य के 38 जिलों में से 15 जिलों में महागठबंधन को सुपड़ा पूरी तरह साफ हो गया। राजद, कांग्रेस, लेफ्ट पार्टियों समेत अन्य दलों के विपक्षी गठबंधन को इन जिलों में एक भी सीट हासिल नहीं हुई। इनमें शिवहर, सीतामढी, सुपौल, पूर्णिया, दरभंगा, गोपालगंज, खगड़िया, भागलपुर, बांका, मुंगेर, लखीसराय, शेखपुरा, नालंदा, भोजपुर, अरवल एवं पूर्णिया शामिल हैं। इन जिलों के सभी विधानसभा क्षेत्रों में एनडीए ने अपनी जीत का परचम लहराया है। इस प्रकार, राज्य के 42 फीसदी जिलों में महागठबंधन अपनी मौजूदगी को बरकरार रख पाने में नाकाम रहा।
अन्य 16 जिलों में महागठबंधन अपना खाता खोलने में कामयाब रहा। हालांकि, 14 जिलों- पूर्वी चंपारण, मधुबनी, किशनगंज, कटिहार्, मधेपुरा, मुजफ्फरपुर, सीवान, वैशाली, बक्सर, कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद, नवादा और जमुई में महागठबंधन का मात्र एक सीटों पर ही खाता खुल सका। संपूर्ण चंपारण इलाके की 21 सीटों में मात्र तीन सीट ही महागठबंधन को हासिल हुई।

पूरे शाहाबाद इलाके में महागठबंधन को मात्र तीन सीटें ही हासिल हुई। जबकि, इसके पूर्व के चुनाव में महागठबंधन को शाहाबाद इलाके में बढ़त हासिल थी। उधर, सहरसा की चार में से 2-2 सीटों पर एनडीए और महागठबंधन के प्रत्याशी जीते हैं।

इन जिलों में एनडीए की शत प्रतिशत जीत
नालंदा में सभी 7, सीतामढ़ी की सभी 8, सुपौल की सभी 5, दरभंगा की सभी 10, गोपालगंज की सभी 6, खगड़िया की सभी 4 के अलावा भागलपुर, बांका, मुंगेर, लखीसराय, शेखपुरा, शिवहर, भोजपुर, अरवल की सभी सीटें एनडीए की झोली में आई हैं।

243 सीटों वाली बिहार विधानसभा में 35 पर सिमटा विपक्ष-
- राजद- 25 सीट
- कांग्रेस- 6 सीट
- सीपीआई माले- 2
- सीपीएम- 1
- आईआईपी- 1
- सीपीआई- 0
- वीआईपी- 0




