बिहार में अब 10 जून की बजाय 15 जून काे आएगा मानसून, मौसम विभाग ने जारी किया पहले चरण का पुर्वानुमान
केरल में मानसून के दस्तक देने की तिथि में काेई बदलाव नहीं हाेगा पर बिहार में हर साल के मुकाबले इस साल से मानसून के पांच दिन देर से दस्तक देने के आसार हैं।
पूणे स्थित माैसम विभाग मुख्यालय ने पिछले करीब चार माह की स्टडी के बाद बुधवार काे केरल समेत देश के 64 जगहाें पर मानसून के पहुंचने की तारीख जारी कर दी है। माैसम विभाग के अनुसार केरल में पहले की तरह पहली जून काे ही मासनूस दस्तक देगा, जबकि बिहार में इस साल से 15 जून काे मानसून की पहली बाैछार हाेगी।
बिहार में पहले 10 जून काे मानसून आने की तिथि थी। मौसम विभाग ने जून से सितंबर तक मानसून के दौरान 88 सेमी बारिश होने की उम्मीद जताई है जो सामान्य से अधिक होगी।
पटना माैसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विवेक सिन्हा ने बताया कि 20 तक मानसून पूरे बिहार काे कवर कर लेगा। पटना में मानूसन के दस्तक देने और विदा हाेने की तारीखाें का ऐलान 15 मई तक किया जाएगा।
गया और छपरा में छाेटा हुआमानसून
छपरा और गया के लिए मानसून के आने और विदाई की तिथि की घाेषणा कर दी गई है। गया में मानसून 12 जून की बजाय 16 जून काे आएगा जबकि विदाई जाे पहले 12 अक्टूबर थी, वह 8 अक्टूबर काे ही हाे जाएगी। छपरा में 13 की बजाय 18 जून काे मानसून की पहली बारिश हाेगी जबकि विदाई 8 की बजाय 6 अक्टूबर काे हाेगी। पर, बिहार से मानसून की विदाई अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में हाे जाएगी जाे पहले अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में हाेती थी।
क्यों बदला मानसून का कैलेंडर
मौसम विभाग ने बीते 59 वर्षों में मानसून के दौरान बारिश के ट्रेंड के आधार पर 64 शहरों में मानसून के आगमन व विदाई की तारीखों में बदलाव किया है। अभी तक ये तारीखें 1901 से 1940 के दौरान मानसून के ट्रेंड पर आधारित थी।
पर कई साल से कई शहरों में मानसून न तो तय समय पर आ रहा था और न उसकी वापसी हो रही थी। मौसम विभाग ने अब 1961 से 2019 तक मानसून के ट्रेंड के हिसाब से मानसून के आगमन की, जबकि 1971 से 2019 तक की मानसून की विदाई के रिकॉर्ड के आधार पर विदाई की तारीख तय की है।
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