बिहार: PMO की हस्तक्षेप के बाद हवसी शिक्षक की खुली पोल, शिक्षिका और छात्राओं से छेड़खानी में FIR दर्ज
बिहार के गया जिले में छेड़छाड़ के एक मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय को दखल देना पड़ा। गया में शिक्षक की गंदी करतूत की डेढ़ साल बाद पोल खुली है। वह भी तब जब पीएमओ कार्यालय ने इस मामले में हस्तक्षेप किया है। हालांकि, इससे पहले विभागीय स्तर पर पीड़ित शिक्षिका और छात्राओं ने शिकायत की थी पर उनकी नहीं सुनी गई। सभी के सभी मामले की लीपापोती में एक सुर से जुटे थे। ऐसा पीड़ित शिक्षिका का कहना है। थक हारकर झुझारु शिक्षिका ने पीएमओ में शिकायत कर दी।
शिकायत पहुंचते ही पीएमओ दिल्ली पूरी हरकत में आया और गया के SSP को सख्त फरमान जारी कर दिया। यह मसला महिला और छात्राओं से जुड़ा हुआ देख एसएसपी हरप्रीत कौर ने भी फौरन कोतवाली थानाध्यक्ष कौशलेंद्र अकेला को FIR दर्ज करते हुए सख्त कार्रवाई का आदेश दिया है। कोतवाली पुलिस ने भी तत्परता दिखाते हुए मामला दर्ज किया और जांच में जुट गई है।
यह चौंकाने वाली कहानी गया शहर के रामरुचि बालिका इंटर स्कूल की है। वह भी 26 जनवरी 2021 की। यहां के शिक्षक ने वहां पढ़ने वाली छात्राओं और पढ़ाने वाली एक शिक्षिका पर न केवल गंदी निगाह डाली थी बल्कि रात के समय शराब के नशे में धुत्त हो कर छेड़खानी भी की थी।
26 जनवरी को सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान की छेड़खानी
दरअसल इस स्कूल की बच्चियां और उनकी शिक्षिका 26 जनवरी 2021 को सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए डीएम कार्यालय गईं थी। साथ में आरोपी शिक्षक भी था। चूंकि लड़कियों की प्रस्तुति की बारी शाम ढलने के बाद आई थी। उसी दौरान शिक्षक ने शिक्षिका की अस्मत से खेलने का प्रयास किया। यही नहीं छात्राओं के साथ भी उस शिक्षक ने छेड़खानी की कोशिश भी की।
शराब के नशे में धुत शिक्षक की नियत को भांप शिक्षिका ने स्कूल के ही एक शिक्षक की मदद से न केवल खुद को बल्कि छात्राओं की अस्मत को सुरक्षा प्रदान करते हुए रात के समय हर एक बच्ची को उनके घर जाकर छोड़ा था।
PMO को लेटर लिखकर सुनाई आपबीती
डीएम कार्यालय में प्रस्तुति देने के लिए एक नहीं बल्कि 12 छात्राएं गईं थी। उनकी प्रस्तुति भी शानदार रही थी। इस घटना के बाद से शिक्षिक मानसिक रूप से लंबे समय तक काफी परेशान रहीं। उनकी कहीं नहीं सुनी गई तो वह सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिख कर अपनी आपबीती बताई। हालांकि, वहां से भी फौरन तो नहीं बल्कि कुछ दिनों बाद उन्हें जवाब आ गया। पीएमओ से पत्र आते ही महिला शिक्षिका के हौसले बढ़े और उनके अंदर चल रहा उथल पुथल दूर हुआ व न्याय की उम्मीद जाग गई।
कोतवाली थानेदार कौशलेंद्र अकेला ने बताया कि इस मामले की जांच गंभीरता से की जा रही है। जांच की जिम्मेदारी महिला अधिकारियों के साथ सब इंस्पेक्टर चंदन मांझी को सौंपी गई है। जांच चल रही है। सख्त कार्रवाई की जाएगी।
विद्यालय प्रधान ने किया इनकार
विद्यालय के प्रधान जिरगाम अली ने कहा कि विभागीय स्तर से जांच हुई। जिला शिक्षा कार्यक्रम पदाधिकारी की जांच में पाया गया कि ऐसा कुछ नहीं है। शिक्षक पर जो आरोप लगे हैं वो गलत थे।